इस महत्वपूर्ण पहल के पीछे अकबर लोकसभा क्षेत्र, कानपुर देहात के सांसद देवेंद्र सिंह भोले के प्रयासों को अहम माना जा रहा है। उनके सहयोग से ग्राम पंचायत नवी मोहन में स्थित इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल को सरकारी संरक्षण मिला है, जिससे क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, गंगा बाबा मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है। गांव के निवासी और पूर्व शिक्षक रमेश भदौरिया बताते हैं कि यह मंदिर पृथ्वीराज चौहान के काल के आसपास का माना जाता है। उस समय यहां कुड़हर राज्य के राजा की छावनी हुआ करती थी और गंगा बाबा को इस राज्य का कुल देवता माना जाता था। समय के साथ यह स्थल आसपास के कई गांवों के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया।
आज भी इस मंदिर में धार्मिक गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित होती हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा वर्ष भर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम होते रहते हैं, जिससे मंदिर की सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिका भी महत्वपूर्ण बनी हुई है।
इस परियोजना के लिए सहार ब्लॉक प्रमुख आकाश कुमार ऋषि ने भी प्रयास किए थे, जिनका योगदान स्थानीय स्तर पर सराहा जा रहा है। मंदिर के सुंदरीकरण से न केवल इसकी ऐतिहासिक पहचान और मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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