नए अंकपत्र में इन सुरक्षा विशेषताओं का होगा समावेश
अब छात्रों को मिलने वाली मार्कशीट में फ्लोरोसेंट कलर का लोगो और अल्ट्रा वायलेट (UV) रंग की नंबरिंग होगी। जैसे ही इन अंकपत्रों पर लाइट पड़ेगी, ये विशेष फीचर्स चमकने लगेंगे, जिससे असली और नकली अंकपत्रों के बीच का अंतर आसानी से पहचाना जा सकेगा।
इसके अलावा, अंकपत्र को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए इसमें विशेष सुरक्षा तत्व जोड़े गए हैं। अब यह अंकपत्र आसानी से फट नहीं सकेगा और न ही इसे छेड़ा जा सकेगा। कैंची या अन्य किसी वस्तु से इसे काटा जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से नुकसान पहुंचाना मुश्किल होगा।
नए डिज़ाइन में और क्या बदलाव हुए हैं?
इस नए अंकपत्र में और भी कई अहम बदलाव किए गए हैं। अब छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता का नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों में अंकित किया जाएगा। इससे पहले अंकपत्र में सिर्फ एक भाषा में नाम होता था। इसके अलावा, यदि कोई छात्र अंकपत्र की फोटो कॉपी कराता है तो उस पर "फोटो कॉपी" का शब्द स्वत: उभरकर सामने आ जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना को समाप्त किया जा सकेगा।
आधिकारिक जानकारी जारी की गई:
माध्यमिक शिक्षा परिषद के जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों को एक सुरक्षित, टिकाऊ और प्रमाणिक अंकपत्र उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि नए कलेवर वाले अंकपत्रों में सुरक्षा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किए गए हैं, जिससे न केवल छात्र बल्कि उनके अभिभावक भी इस बदलाव का लाभ उठा सकेंगे।
क्या बदलाव होगा वितरण प्रक्रिया में?
पहले जहां हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को ए-4 आकार के प्रमाणपत्र और अंकपत्र मिलते थे, वहीं अब इस प्रक्रिया में भी बदलाव किया जाएगा। नए कलेवर के अंकपत्र ए-4 आकार के होंगे, लेकिन उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा में कई सुधार किए गए हैं।
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