यह फैसला जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस दोनाडी रमेश की डिवीजन बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए सुनाया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 11 अप्रैल 2023 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लाभ केवल 1 मई, 2023 के बाद रिटायर होने वालों को ही मिलेगा, और यह सीमा निर्णायक मानी जाएगी।
क्या था मामला?
पुलिस होमगार्ड विभाग से रिटायर्ड सतीश चंद्र सिंह समेत 10 अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लाभ भूतलक्षी (retrospective) होना चाहिए और 2015 से 2024 तक 30 जून को रिटायर हुए सभी कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और एरियर मिलना चाहिए।
हालांकि, हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के पुराने आदेश को सुप्रीम कोर्ट की मंशा के विपरीत बताते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई कट-ऑफ तिथि (1 मई 2023) को ही प्रभावी माना जाएगा।
क्या होगा असर?
इस फैसले का सीधा असर उन हजारों रिटायर्ड कर्मचारियों पर पड़ेगा जो 1 मई 2023 के पहले 30 जून को रिटायर हो चुके हैं। उन्हें अब न तो इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा और न ही बकाया वेतन (एरियर)। वहीं, जिन कर्मचारियों की रिटायरमेंट 1 मई 2023 के बाद 30 जून को हुई है, उन्हें यह अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
0 comments:
Post a Comment