पनडुब्बी से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल
K-6 एक Submarine-Launched Ballistic Missile (SLBM) है, जिसे विशेष रूप से भारतीय नौसेना की अरिहंत-क्लास परमाणु पनडुब्बियों से लॉन्च किए जाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि यह मिसाइल गहरे समुद्र में रहकर भी दुश्मन पर सटीक और घातक प्रहार कर सकती है। K-6 की मारक क्षमता लगभग 10,000 से 12,000 किलोमीटर होने की उम्मीद है।
रणनीतिक शक्ति में भारी इजाफा
विशेषज्ञों का मानना है कि K-6 के शामिल होने से भारत की न्यूक्लियर ट्रायड (Nuclear Triad) यानी थल, जल और नभ – तीनों माध्यमों से परमाणु हमला करने की क्षमता को जबरदस्त मजबूती मिलेगी। यह मिसाइल भारत को उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा करती है जिनके पास ऐसी अति-दीर्घ दूरी तक मार करने वाली SLBM तकनीक मौजूद है।
डीआरडीओ की अभूतपूर्व उपलब्धि
DRDO के वैज्ञानिकों ने इस परियोजना को उच्चतम गोपनीयता और उन्नत तकनीकी मानकों के साथ विकसित किया है। अभी मिसाइल परीक्षण के विभिन्न चरणों से गुजर रही है, और उम्मीद है कि आने वाले कुछ वर्षों में इसे नौसेना की तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया जाएगा।
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