लॉन्ग रेंज – बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस:
भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम, विशेष रूप से प्रथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD), दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को 80 किमी ऊंचाई पर रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिस्टम 5,000 किमी से अधिक दूरी से आने वाली मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर सकता है।
मीडियम रेंज – S-400 ट्रायम्फ:
रूस से प्राप्त S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है। यह सिस्टम 400 किमी तक की रेंज में आने वाले दुश्मन विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट कर सकता है। खास बात यह है कि S-400 एक साथ 72 टारगेट पर हमला करने में सक्षम है, और यह दुश्मन के राडार से छुपकर हमला करता है।
शॉर्ट रेंज – आकाश, पेचोरा, स्पाइडर:
भारत के पास कई शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जिनमें प्रमुख हैं आकाश, स्पाइडर, और पेचोरा। आकाश मिसाइल सिस्टम, जो भारत में विकसित किया गया है, 30 से 80 किमी की रेंज में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है।
वहीं, स्पाइडर (SpyDer) सिस्टम, जो इजरायल की मदद से विकसित किया गया है, 360 डिग्री में हाई स्पीड लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है। पेचोरा मिसाइल सिस्टम, जिसका ऑपरेशनल रेंज 35 किमी तक है, खासकर कम ऊंचाई पर उड़ते हुए लक्ष्य को निशाना बनाने में माहिर है।
वेरी शॉर्ट रेंज – मैनपैड्स और एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स:
कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों और ड्रोन को नष्ट करने के लिए भारत के पास मैनपैड्स और एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स हैं। ये प्रणालियां हथियारों की सटीकता और प्रभावशीलता को बढ़ाती हैं, और तेजी से आक्रमण करने वाले दुश्मन के लिए कड़ी चुनौती पेश करती हैं।
रडार और सैटेलाइट सिस्टम: खतरे का तुरंत पता लगाना
भारत का एयर डिफेंस सिस्टम केवल मिसाइलों तक सीमित नहीं है। इसके साथ-साथ, देश के पास राजेंद्र रडार, ग्रीन पाइन रडार और अर्जुन रडार जैसे अत्याधुनिक रडार हैं, जो किसी भी हवाई खतरे को 1000 किलोमीटर की दूरी से भी ट्रैक कर सकते हैं।
इसके अलावा, IACCS (Integrated Air Command and Control System) के द्वारा इन रडारों से मिली जानकारी का विश्लेषण कर, सही समय पर मिसाइलों और अन्य रक्षा प्रणालियों को सक्रिय किया जाता है। इसलिए भारत पर हमला करना चीन पाकिस्तान किसी के लिए आसान नहीं हैं।
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