क्यों अहम है यह बढ़ोतरी?
आमतौर पर डीए में बढ़ोतरी महंगाई की भरपाई के लिए की जाती है, ताकि कर्मचारियों की वास्तविक आय पर असर न पड़े। लेकिन 2% की मामूली वृद्धि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए अपर्याप्त मानी जा रही है। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आय का बड़ा हिस्सा डीए पर निर्भर करता है।
सातवें वेतन आयोग के बाद पहली समीक्षा
इस बार की डीए समीक्षा इसलिए भी खास है क्योंकि यह सातवें वेतन आयोग के कार्यकाल के खत्म होने के बाद पहली समीक्षा होगी। सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद वेतन और भत्तों से जुड़े फैसले एक तरह के संक्रमण काल में होंगे।
आठवें वेतन आयोग को लेकर अनिश्चितता
कर्मचारियों की चिंता का एक बड़ा कारण आठवें वेतन आयोग को लेकर असमंजस भी है। अभी तक न तो इसके गठन की स्पष्ट समय-सीमा सामने आई है और न ही यह तय है कि इसकी सिफारिशें कब लागू होंगी। ऐसे में कर्मचारियों को डर है कि नई सैलरी मैट्रिक्स और संशोधित वेतन संरचना आने में लंबा समय लग सकता है।

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