माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं 3 बड़े बदलाव

नई दिल्ली, इस दुनिया में सभी महिलाओं के जीवन में एक समय ऐसा आता हैं जब महिलाएं माँ बनती हैं। लेकिन पहली बार माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं जिन बदलाव के बारे में महिलाओं को जानना ज़रूरी होता हैं ताकि उसे किसी परेशानी का सामना करना ना पड़े। आज इसी संदर्भ में साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे उन बदलाव के बारे में जो माँ बनने के बाद हर महिलाओं के शरीर में होता हैं। साथ हीं साथ ये भी जानने की कोशिश करेंगे की इस बदलाव से महिलाओं के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं 3 बड़े बदलाव।
ओवरीज में फैलाव, माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर में सबसे बड़ा बदलाव महिलाओं के ओवरीज में होते हैं। इस बदलाव के कारण ओवरीज की मांसपेशियों में रक्त का संचार रूक जाता हैं और इसमें फैलाव आ जाते हैं। इतना हीं नहीं ओवरीज में फैलाव होने से महिलाओं के जनन अंग लचीले और कमजोर हो जाते हैं। लेकिन महिलाओं को इससे परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं हैं। क्यों की ओवरीज में कुछ समय के बाद जब रक्त का संचार शुरू हो जाता हैं तो यह समस्या महिलाओं के शरीर से धीरे धीरे समाप्त हो जाती हैं और ओवरीज का यह फैलाव ख़त्म हो जाता हैं।
हार्मोनिक बदलाव, साइंस के अनुसार माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनिक बदलाव होते हैं। कुछ हार्मोनिक बदलाव महिलाओं के लिए अच्छा होता हैं तो कुछ हार्मोनिक बदलाव के कारण महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। माँ बनने के बाद महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ जाता हैं और उनके शरीर में फैलाव होने लगते हैं। जिसके कारण महिलाएं पहले से अधिक मोटी दिखने लगती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को व्यायाम करनी चाहिए तथा उसे ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिसमे कैल्शियन, आयरन और फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती हैं।
भावनात्मक बदलाव, साइंस के एक अध्ययन के अनुसार माँ बनने के बाद महिलाओं के हाइपोथैलेमस में Neuropeptide हार्मोन्स का एक सोशल बॉन्डिंग बनता हैं। जिसके कारण महिलाएं के शरीर में कई तरह के भावनात्मक बदलाव आते हैं। महिलाएं पहले से ज्यादा भावुक हो जाती हैं तथा उनका दिमाग भी शांत रहता हैं। महिलाओं के शरीर में होने वाला यह बदलाव महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता हैं। क्यों की इस बदलाव के कारण महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार होता हैं और महिलाएं खुद को हैप्पी और सेहतमंद महसूस करती हैं। साथ हीं साथ महिलाओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक छमता में भी वृद्धि होती हैं।

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