चंद्रयान-2: लैंडर विक्रम से संपर्क में जुटा नासा

डेस्क: आपको बता दें की चांद की सतह से महज 2 किलोमीटर दूर राह भटके चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश जारी है। इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर चांद की सतह पर पड़े विक्रम से संपर्क करने की आखिरी कोशिश में लगा हुआ है। तो दूसरी तरफ नासा भी विक्रम से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हैं। क्यों की नासा को भी इससे बहुत उम्मीदे जुड़ी हुयी हैं। 
नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्कॉट टैली ने बताया कि नासा ने कैलिफर्निया स्थित अपने DSN के जरिए रेडियो संदेश विक्रम को भेजा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'DSN ने 12 किलोवाट की रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश की है। लैंडर को सिग्नल भेजने के बाद चांद एक रेडियो रिफ्लेक्टर की तरह व्यवहार करता है और सिग्नल का छोटा सा हिस्सा धरती पर भेज देता है जो 8 लाख किलोमीटर में घूमती हुई यहां पहुंचती है। 

बता दें कि नासा कई वजहों से भारत के मून मिशन में काफी रुचि दिखा रहा है। पहली वजह है विक्रम पर लगे पैसिव पेलोड लेजर रिफ्लेक्टर। इसके जरिए लैंडर की सटीक स्थिति का पता चल सकता है और यह धरती से चांद की दूरी का सटीक आकलन कर सकता है। दूरी के आकलन के बाद नासा को अपने भविष्य के मिशन को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। 

नासा को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से उसे अहम डेटा मिल सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि नासा चांद के साउथ पोल पर 2024 तक मानव मिशन भेजने की तैयारी में जुटा है। साउथ पोल की तस्वीरें मिलने के बाद उसका मिशन और बेहतर हो सकता है। लेकिन लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग के बाद नासा की उम्मीदों को भी झटका लगा है।    

आपको बता दें की विक्रम को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग किए हुए 6 दिन गुजर चुके हैं। ऐसे में 20-21 सितंबर तक अगर उससे संपर्क नहीं हो पाया तो फिर उससे संपर्क की कोशिश खत्म हो जाएगी। 

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