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बिहार सरकार ने मांगे है आवेदन, कई पदों पर निकली सरकारी नौकरी

न्यूज डेस्क: बिहार सरकार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कई विभिन्न खाली पदों को भरने के लिए एक अधिसूचना जारी कि है। जिसके तहत तीन सौ से ज्यादा पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं, जो उम्मीदवार नौकरी करने के इच्छुक हैं वो ऑनलाइन के द्वारा आवेदन करें। 
आवेदन जमा करने की प्रारंभिक तिथि : 16 मार्च, 2020
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि :15 अप्रैल, 2020

आयु सीमाः
पुरुष के लिए
न्यूनतम आयु - 18 वर्ष
अधिकतम आयु - 37 वर्ष

महिला के लिए
न्यूनतम आयु - 18 वर्ष
अधिकतम आयु - 40 वर्ष

पदों के नाम                     पदों की संख्या 
खाद्य सुरक्षा अधिकारी               91
फिजियोथेरेपिस्ट                      126
व्यावसायिक चिकित्सक             86

चयन प्रक्रियाः
उम्मीदवारों का चयन परीक्षा / साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।

वेबसाइट : http://btsc.bih.nic.in/

कोरोना से हार गया दुनिया का सबसे ताकतवर देश, हर तरफ मौत ही मौत

न्यूज डेस्क: पूरी दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. वहां पर कोरोना वायरस संक्रमण के चलते तीन हजार से अधिक मौतों के साथ ही संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 1 लाख 63 हजार के पार पहुंच गई है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने इस बात की जानकारी दी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों (एक इंटरेक्टिव मानचित्र) के हवाले से कहा कि अमेरिका में स्थानीय समयानुसार सोमवार रात 9.30 बजे (0130 जीएमटी पर मंगलवार) तक कोविड-19 से संक्रमित 1,63,000 से अधिक मामले थे और संक्रमण के चलते अब तक 3,008 मौतें हुई हैं.

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में न्यूयॉर्क राज्य महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है.  यहां अकेले कुल संक्रमित मामलों की संख्या 67 हजार से अधिक हैं और महामारी के चलते 1200 से ज्यादा मौतें देखने को मिली हैं. वैश्विक तौर पर कोविड-19 संक्रमण से 37,638 मौतों के साथ कुल 7,84,000 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई है, जिनमें से 1,65,000 लोग उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए हैं. 

ईरान और फ्रांस में भी भीषण तबाही। 
अन्य सबसे प्रभावित देश ईरान और फ्रांस हैं. ईरान में कोरोना वायरस से 2,757 मौतें हुई और 41,495 मामले सामने आये. फ्रांस में कोरोना वायरस ने 2,606 जिंदगियां छीन लीं और 40,174 मामले सामने आए. अमेरिका में 143,055 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आये जिनमें से 2514 लोगों की जान चली गयी और 4865 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. अंगोला में रविवार से इस बीमारी से पहली मौत सामने आई है.

लॉकडाउन के बीच Jio बना यूज़र्स का सहारा, 100 मिनट सब कुछ फ्री

न्यूज डेस्क: लॉकडाउन  के चलते रिटेल यानी कि दुकान से रिचार्ज कराने वाले ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और इसी को देखते हुए जियो ने रिचार्ज कराने के कई ऑप्शन पेश किए हैं, जिसमें UPI, ATM, SMS, Call शामिल है.
लेकिन इन सब पहल के बावजूद देखा गया कि इस मुश्किल घड़ी में जियोफोन के ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही है, और वह रिचार्ज नहीं करा पा रहे हैं. इसे देखते हुए जियो ने खास ऑफर पेश कर JioPhone के यूज़र्स को राहत दी है.

जियोफोन के लिए कंपनी ने कई बेनिफिट पेश किए हैं. जियो ने पूरे देश के करोड़ों JioPhone ग्राहकों को कॉल के लिए 100 मिनट और 100 SMS फ्री में देने की बात कही है, जिसकी वैलिडिटी 17 अप्रैल 2020 तक होगी, और इसके बाद भी इनकमिंग कॉल जारी रहेगी.

कोरोना वायरस के खिलाफ शुरू की मुहिम। 
देश में तेज़ी से फैल रहे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने एक मुहिम #CoronaHaaregaIndiaJeetega शुरू की है. देश भर के लोगों में इस बात का डर है कि कहीं वह भी कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित तो नहीं. दुनिया भर के अस्पताल कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित मरीज़ों से भरे हुए हैं और इसकी जांच भी सभी के लिए उपलब्ध कराना मुश्किल है. ऐसे में रिलायंस जियो ने MyJio App में कई नए फीचर्स जोड़े हैं, जिससे वायरस के लक्षण की जांच आप खुद आसानी से कर सकते हैं.

भारत में शुरू हुआ कोरोना टेस्ट कराने की ऑनलाइन बुकिंग, भारत सरकार ने दी मंजूरी

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) के टेस्ट के लिए आई Corona Test Kit को भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसकी मांग काफी बढ़ गई है. जिसके लिए ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो चुकी है. जिस तरह कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना. यह इसमें सबसे ज्यादा कारागार साबित होगी. बेंगलुरु की प्रैक्टो (Practo) कंपनी ने कहा कि Covid-19 टेस्ट कराने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं. इस किट की कीमत 4500 रुपये है. भारत सरकार और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR ने भी इसे अप्रूवल दिया है.
कंपनी ने की थायरोकेयर के साथ पार्टनरशिप। 
कंपनी ने इसके लिए थायरोकेयर के साथ पार्टनरशिप की है. डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म प्रैक्टो ने शनिवार को कहा कि Covid-19 का पता लगाने के लिए थायरोकेयर के साथ पार्टनरशिप की है. यह एक डायग्नोस्टिक लैब है. Practo ने कहा है, 'फिलहाल मुंबई के लोगों के लिए टेस्ट ऑनलाइन उपलब्ध है और जल्द ही इसे पूरे देश के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.'


टेस्ट के समय फोटो आईडी कार्ड, एक डॉक्टर का वेलिड पर्चा, डॉक्टर का भरा हुआ फ़ार्म साथ लाना होगा. प्रैक्टो के चीफ हेल्थ स्ट्रैटजी ऑफिसर एलेक्जेंडर कुरुविल ने एक बयान में बताया, 'अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं, तो आसानी से जांच करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही है. इसके लिए सरकार लगातार लैब और टेस्टिंग सेंटर के विस्तार पर भी काम कर रही है.

कुरुविल ने आगे बताया, 'हमने थायरोकेयर के पार्टनरशिप की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन जांचों को करना ज्यादा जटिल नहीं है. कोई भी आसानी से ये जांच करा सकता है. हम ज्यादा से ज्यादा ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं, जहां प्रैक्टो पहुंच सके. ये डॉक्टरों की सलाह, मेडिकल किट की डिलिवरी और टेस्टिंग के तौर पर हो सकता है.'

प्रैक्टो ने कहा कि होम हेल्थकेयर सर्विस देने वाली कंपनी I2H के प्रमाणित फेलोबोटोमिस्ट्स मरीजों के घरों से सीधे सैंपल लेंगे और जांच के लिए लैब पहुंचाएंगे. कुरुविल ने कहा कि टेस्टिंग के दौरान लिया गया स्वाब वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम (VTM) से इकट्ठा किया जाएगा. इसे ठंडे बैग में ले जाया जाएगा. टेस्टिंग के लिए थायरोकेयर की लैब को चुना गया है.

कोरोना वायरस: इस देश में इमरजेंसी लागू, चारों ओर मच रही खलबली

न्यूज डेस्क: हंगरी (Hungary) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़ते देख हंगरी की संसद ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पीएम विक्टर ओर्बन को शासन करने के लिए असीमित शक्तियां दे दीं हैं. सोमवार को हंगरी की संसद में एक ऐसा बिल पास हुआ, जिसके बाद विक्टर अब अनिश्चितकाल तक के लिए असीमित शक्तियों वाले शासक बने रहेंगे. इसी के साथ देश में इमरजेंसी भी घोषित कर दी गई है. बता दें कि हंगरी में अभी तक कोरोना संक्रमण के 447 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 15 लोगों की इससे मौत हो गयी है.
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हंगरी की संसद में ये बिल बड़े बहुमत से पास हुआ. इसके पक्ष में 138 जबकि विपक्ष में महज 53 वोट ही पड़े. इस बिल के पास होने के बाद विक्टर देश के सभी डेमोक्रेटिक संस्थाओं से ऊपर हो गए हैं और किसी के भी फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं रह गए हैं. बिल पेश करते हुए ये दलील दी गई थी कि कोरोना जैसे संकट के समय में देश को एक नेतृत्व की ज़रूरत है जो ब्यूरोक्रेसी में फंस कर न रह जाए. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि देश के सर्वोच्च नेता को कोरोना जैसे खतरों से निपटने के लिए अब किसी फैसले को लेने के लिए किसी से इजाजत की ज़रूरत नहीं रह गयी है.

कोई चुनाव नहीं, संसद भी सस्पेंड। 
इस बिल के पास होने के बाद संसद निलंबित हो गयी है. इस बिल के मुताबिक, ऐसे पत्रकारों को सजा भी दी जा सकती है जिनके बारे में सरकार को लगता है कि उन्होंने कोरोना के बारे में ख़राब रिपोर्टिंग की है. साथ ही क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों को सजा के साथ भारी जुर्माना चुकाना होगा. अब विक्टर के रहते न तो कोई इलेक्शन होगा और न ही कोई रेफरेंडम किया जा सकता है.

ओर्बन ने कहा था- बहस में उलझे रहने से जान नहीं बचाई जा सकती। 
बता दें कि हंगेरियन नेशनल रेडियो के एक कार्यक्रम में बीते दिनों पीएम ओर्बन ने कहा था कि कोरोना के खिलाफ हम जल्दी से प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि कानून और लालफीताशाही की लंबी प्रक्रियाओं में ही फंसे रहते हैं. ऐसे क्राइसिस के वक़्त में हमें जल्द से जल्द जन बचाने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे. सरकार कोई भी ऐसा कदम नहीं उठा रही है जो अप्रत्याशित है. हम सिर्फ काम करने के लिए पर्याप्त शक्तियां चाहते है जिस से वक़्त रहते स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके.

अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने की आलोचना। 
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स वाच डॉग ने इस बिल की काफी आलोचना की है. संस्था का कहना है कि बिल में ये बताया ही नहीं गया है कि विक्टर के पास ये शक्तियां कब तक रहेंगी, उन्हें कब तक के लिए लीडर चुन लिया गया है. आरोप है कि कोरोना का सहारा लेकर विक्टर ओर्बन ने खुद को सभी डेमोक्रेटिक संस्थाओं से ऊपर सर्वकालिक नेता घोषित कर लिया है. अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राइट्स सस्थाओं का मानना है कि विक्टर ओर्बन अपने असीमित अधिकारों का इस्तेमाल लोगों के अधिकारों को दबाने के लिए कर सकते हैं. 

कोरोना वायरस: लॉकडाउन में पुलिस को फोन कर लोग मांग रहे रसगुल्ला, पिज्जा, पान

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. लोगों को अपने घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. लेकिन इस बीच कई ऐसे लोग हैं जो जरूरत के सामान के लिए पुलिस को फोन कर रहे हैं. सोमवार को लखनऊ पुलिस हेल्पलाइन पर फोन करके एक बुजुर्ग नागरिक ने तत्काल ‘रसगुल्ला’ भेजने का अनुरोध किया.
स्टेशन ऑफिसर संतोष सिंह ने बताया कि फोन करने वाले को सुनकर यह समझ आ गया था कि ये शरारत नहीं है. हम छह रसगुल्लों के साथ कॉल करने वाले राम चंद्र प्रसाद केसरी के घर पहुंचे. हमने पाया कि वह वृद्ध घर पर अकेले थे और हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर कम होना) की स्थिति में थे. वे डायबिटिक हैं और उनका चेहरा पीला पड़ गया था. वह चल नहीं पा रहे थे. हमने उन्हें रसगुल्ले दिए, उनमें से चार रसगुल्ले उन्होंने खाए.

दरअसल, केसरी की पत्नी की मृत्यु हो चुकी है. वह अपने फ्लैट में अकेले रहते हैं. उनके बच्चे विदेश में रहते हैं. लॉकडाउन के दौरान उनके मिठाई का स्टॉक खत्म हो गया था.

वहीं, रविवार को रामपुर में पुलिस ने एक शख्स को समोसे मांगने पर सजा दी थी. पहले तो रामपुर पुलिस समोसे लेकर गई, लेकिन जैसे ही उसने नाश्ता खत्म किया, जिला मजिस्ट्रेट ने उसे सजा के रूप में नाले की सफाई करने को कहा.

बाद में रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट औंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने उन लोगों को शर्मसार करने का फैसला किया है जो लॉकडाउन के दौरान सुविधा का दुरुपयोग कर रहे थे. ऐसी शरारत करने वाले सभी लोगों से सड़कें और नालियां साफ कराई जाएंगी.

उन्होंने बताया कि हमें अपने हेल्पलाइन नंबर पर कई ऐसे कॉल आ रहे हैं, जिसमें लोग हमसे पिज्जा और समोसे मांग रहे हैं. हालांकि, असल में परेशान लोगों की मदद भी पुलिस कर रही है. एक गर्भवती महिला शिक्षक ने जब हेल्पलाइन पर कॉल किया तो उसे पुलिस ने भोजन उपलब्ध कराया.

लखनऊ के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास पान, पिज्जा और यहां तक कि शराब के लिए भी फोन आ रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि एक फोन करने वाले ने कहा कि शराब का कोटा नहीं मिलने से उसे खासी परेशानी हो रही है. उसे इसके गंभीर लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं. हमने उसे डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा. इसी तरह कुछ बच्चे भी हेल्पलाइन पर फोन करके आइस-क्रीम, पेस्ट्री और यहां तक कि फुटबॉल मांग रहे हैं.

रेलवे में मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती, फटाफट करें अप्लाई

न्यूज डेस्क: पूर्व रेलवे ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ऑर्थोपेडिक हॉस्पीटल, हावड़ा में मेडिकल प्रैक्टिशनर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की संविदा के आधार पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं। इन पदों के लिए पूर्व रेलवे द्वारा वॉक-इन-इंटरव्यू का आयोजन कल, 31 मार्च 2020 को किया जा रहा है। इच्छुक उम्मीदवार इन पदों के लिए फटाफट अप्लाई करें। 
पदों का नाम :           पदों की संख्या 
-मेडिकल प्रैक्टिशनर – 10 पद

-स्टाफ नर्स – 10 पद

-फार्मासिस्ट – 04 पद

-ओटी असिस्टेंट – 06 पद

-हॉस्पीटल हाउसकीपिंग असिस्टेंट – 14 पद

सैलरी: जीडीएमओ के पद पर 75 हजार रुपये प्रतिमाह, स्पेशियलिस्ट पद पर 95 हजार प्रतिमाह और सुपर स्पेशियलिस्ट पर 1.15 लाख प्रतिमाह का वेतन दिया जाएगा। वहीं, पैरा मेडिकल स्टाफ पदों पर रेलवे में नियमित पैरा मेडिकल स्टाफ के समकक्ष वेतन दिया जाएगा।

वेबसाइट :
https://er.indianrailways.gov.in/view_detail.jsp?lang=0&dcd=2152&id=0,4,268

कोरोना वायरस: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दान में दिए इतने रूपए, पीएम मोदी को कहा....

न्यूज डेस्क: मीडिया के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना वायरस की महामारी से मुकाबले के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री राहत कोष में 30 लाख रुपये दान देने की घोषणा की है। 
सिंधिया ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना भी की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा, ‘‘आपदा के इस समय मैं राज्य के नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए मैं मुख्यमंत्री राहत कोष में 30 लाख रुपये देने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल की सड़कों पर निकलकर स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी और निगम कर्मियों को धन्यवाद दिया और प्रेरणा दी के आप इसी तरह जन सेवा में लगे रहिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने दवा, सब्जी और किराने की दुकान में पहुंचकर लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील की।

बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण गरीब लोगों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए सहायता पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मजदूरों को प्रति मजदूर 1000 रुपए की सहायता देगी।

कोरोना इफेक्ट: सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की सैलरी में होगी कटौती

न्यूज डेस्क: देश में छाए कोरोना महामारी के संकट के बीच महाराष्ट्र की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में मुख्यमंत्री से लेकर विधायक और अन्य सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की जाएगी. महाराष्ट्र कोरोना महामारी का सबसे बड़ा शिकार हुआ है, ऐसे में इस संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने इस फैसले के बारे में जानकारी दी.
राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की तन्ख्वाह में 60 फीसदी तक की कटौती होगी. ए और बी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी, सी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी. हालांकि, सरकार ने इस फैसले से डी क्लास के कर्मचारियों को अलग रखा है और उन्हें पूरी तन्ख्वाह मिलेगी.

महाराष्ट्र हुआ कोरोना का सबसे बड़ा शिकार। 
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस से जुड़े केस की संख्या 1400 के करीब है और इसमें सर्वाधिक केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. राज्य में 240 के करीब लोग अबतक कोरोना से पीड़ित पाए जा चुके हैं, जबकि दस लोग अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं.

तेलंगाना में भी सैलरी काटने का फैसला। 
महाराष्ट्र से इतर तेलंगाना में भी कोरोना वायरस के महासंकट को देखते हुए सैलरी में कटौती करने का फैसला किया गया. यहां मंत्रिमंडल, विधायक, एमएलसी, निगम अध्यक्ष समेत अन्य सभी पदों पर 75 फीसदी तक सैलरी कटौती का प्रस्ताव पास किया गया है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है और इस बीच सबकुछ ठप पड़ा है. ऐसे में प्राइवेट सेक्टर से लेकर सरकारी सेक्टर और आम आदमी तक कारोबार को लेकर संकट हो गया है.

1 अप्रैल से बृहस्पति का उदय, इन राशियों को कष्टों से मिलेगी मुक्ति

ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो 1 अप्रैल से बृहस्पति का उदय होने वाला हैं। जिससे कुछ राशि के लोगों को कष्टों से मुक्ति मिल सकती हैं तथा उनके दैनिक जीवन में खुशहाली आ सकती हैं। इसी विषय में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे उन राशियों के बारे में जिन राशियों के लोगों को कष्टों से मुक्ति मिल सकती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
कुंभ और तुला राशि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 1 अप्रैल से बृहस्पति का उदय होने वाला हैं। जिससे कुंभ और तुला राशि के लोगों को कष्टों से मुक्ति मिल सकती हैं। साथ ही साथ उनके जीवन में बड़ी खुशखबरी आ सकती हैं। इनके सपने सच और साकार हो सकते हैं। इनकी जिंदगी नया मोड़ ले सकती हैं। इन्हे प्यार ही प्यार मिल सकता हैं। इनके दैनिक जीवन पर विष्णु कृपा बनी रहेगी।   

कर्क और वृष राशि, 1 अप्रैल से बृहस्पति का उदय होने वाला हैं। जिससे कर्क और वृष राशि के लोगों को लाभ ही लाभ हो सकता हैं। इनकी किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। लव पार्टनर का साथ इन्हे भाग्यशाली बना सकता हैं। इनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। कष्टों से मुक्ति मिल सकती हैं। इनके लिए भगवान विष्णु की उपासना करना लाभकारी साबित होगा।  

वृश्चिक और मीन राशि, ज्योतिष शास्त्र ले अनुसार बृहस्पति का हो रहा उदय वृश्चिक और मीन राशि के लोगों के लिए शुभ रहने वाला हैं। इससे इन्हे कष्टों से मुक्ति मिल सकती हैं तथा इनके  जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। इनके सपने साकार हो सकते हैं। इनकी किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। यह समय इनके लिए बेहद खास हैं। इनके जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं। आप भगवान विष्णु की आराधना करें।  

कल से शनि का राजयोग, जानें किन राशियों को मिलेगा राजसुख

ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो कल से शनि का राजयोग बन रहा हैं। जिससे कुछ राशि के लोगों को राजसुख मिल सकता हैं तथा उनके जीवन में खुशहाली आ सकती हैं। इसी विषय में ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जानने की कोशिश करेंगे की वो कौन सी राशि हैं जिस राशि के लोगों को शनि के राजयोग से उन्हें राजसुख मिल सकता हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
कर्क और तुला राशि, शास्त्रों के अनुसार कल से शनि का राजयोग बन रहा हैं। जिससे कर्क और तुला राशि के लोगों को राजसुख मिल सकता हैं। उनकी जिंदगी सफल और कामयाब हो सकती हैं। उनके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। इनके जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं। इनकी किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। भगवान शनिदेव का दर्शन करना इनके लिए उत्तम रहेगा।

मेष और धनु राशि, कल से शनि का राजयोग बन रहा हैं। जो मेष और धनु राशि के लोगों के लिए सबसे खास हैं। इससे इन्हे राजसुख मिल सकता हैं। इनकी किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। लाभ ही लाभ हो सकता हैं। इनके सपने साकार हो सकते हैं। इनकी जिंदगी अचानक से बदल सकती हैं। इन्हे जीवन में बड़ी सफलता मिल सकती हैं। शनिदेव की उपासना करना इनके लिए शुभ रहेगा।

कन्या और वृष राशि, शास्त्रों के अनुसार शनि का बन रहा राजयोग कन्या और वृष राशि के लोगों के लिए बेहद खास हैं। इससे इनकी जिंदगी संवर सकती हैं तथा इनके दैनिक जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं। इनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इस राशि के जातक एक सफल जीवन का आनंद ले सकते हैं। इनके लिए भगवान शनिदेव की उपासना करना लाभकारी रहेगा।

1 अप्रैल से खत्म होगी इन 6 राशियों की साढ़ेसाती, आएंगे अच्छे दिन

शास्त्रों की बात करें तो 1 अप्रैल से कुछ राशियों की साढ़ेसाती खत्म हो रही हैं। जिससे उनके जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं तथा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इसी विषय में ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जानने की कोशिश करेंगे की वो कौन सी राशि हैं। जिस राशि के लोगों के जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
मेष और तुला राशि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 1 अप्रैल से मेष और तुला राशि के लोगों की साढ़ेसाती खत्म हो रही हैं। इससे इनके जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं तथा इनकी जिंदगी सफल और कामयाब हो सकती हैं। इन्हे प्यार ही प्यार मिल सकता हैं। इनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इस राशि के लोगों को लाभ ही लाभ हो सकता हैं। शनिदेव की कृपा इनके दैनिक जीवन पर सदैव बनी रहेगी।

कुंभ और वृष राशि, 1 अप्रैल से कुंभ और वृष राशि के लोगों की साढ़ेसाती खत्म हो रही हैं। इससे इनकी जिंदगी संवर सकती हैं। इन्हे जीवन में लाभ ही लाभ हो सकता हैं। इनकी सभी इच्छा पूर्ण हो सकती हैं। इनके घरों में खुशहाली आ सकती हैं। इन्हे दुख-दर्द दूर हो सकते हैं। किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। भगवान शनिदेव की उपासना करना इनके लिए लाभकारी साबित होगा।

कन्या और कर्क राशि, शास्त्रों के अनुसार कन्या और कर्क राशि के लोगों की साढ़ेसाती खत्म हो सकती हैं। इससे इनके जीवन में अच्छे दिन आ सकते हैं। इनकी किस्मत नया मोड़ ले सकती हैं। प्यार और पैसों में इन्हे तरक्की मिल सकती हैं। इस राशि के जातक एक सफल जीवन एन्जॉय कर सकते हैं। इनकी सभी इच्छा पूर्ण हो सकती हैं। इनके सपने सच और साकार हो सकते हैं। भगवान शनिदेव की कृपा इनके दैनिक जीवन पर बनी रहेगी।

कोरोना वायरस को लेकर अप्रैल फूल ना बनाएं, हो सकती है 6 महीने तक की जेल

न्यूज डेस्क: भारत कोरोना वायरस जैसे जानलेवा महामारी से जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में सबसे बड़ी चुनौती है इसके संक्रमण को रोकना। इसके लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है। लेकिन इसी के साथ एक और चुनौती है जिसे रोकना बेहद जरूरी है। वो है इस महामारी को लेकर फैल रही फर्जी खबरें। बुधवार को पहली अप्रैल है और इस दिन लोग 'अप्रैल फूल' का प्रैंक खेलते हैं। लेकिन पुणे पुलिस ने कोरोना संकट को देखते हुए लोगों से अपील की है कि कोरोना को लेकर किसी तरह का मज़ाक ना करें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सोमवार को पुणे पुलिस ने जिले में इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया। पुलिस ने अपने नोटिफिकेशन में लिखा है कि सोशल मीडिया पर इस दौरान किसी तरह की अफवाह फैलाए जाने को लेकर IPC की धारा 188 के तहत एक्शन लिया जाएगा। गौरतलब है कि इस धारा के तहत 6 महीने तक की जेल और 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

पुलिस ने अपने नोटिफिकेशन में लिखा, '1 अप्रैल को हम अक्सर अपने दोस्तों, परिवार और आसपास के लोगों के साथ प्रैंक खेलते हैं। लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के संकट को देखते हुए इस बार लोगों से अपील की जाती है कि किसी तरह की अफवाह ना फैलाएं। ऐसा करने पर इसे लॉकडाउन का उल्लंघन माना जाएगा। पुलिस की ओर से लोगों को कोरोना वायरस के बारे में जागरुक करने और लोगों से लॉकडाउन का पालन करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। फिर चाहे सोशल मीडिया पर क्रिएटिव ट्वीट हो या फिर सड़क पर गाना गुनगुनाना हो।

बड़ी खबर: ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, पढ़ें पूरी खबर

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन के लिए वैधता 30 जून तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी की गई एडवाइजरी में ऐसे दस्तावेजों की वैधता को 30 जून तक बढ़ा दिया है।
मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि, सभी राज्यों से अनुरोध कि वे मोटर वाहन कानून और नियम के तहत उन दस्तावेजों को 30 जून तक वैध मानें, जिनकी वैधता एक फरवरी 2020 को समाप्त हो गई है और लॉकडाउन के कारण उनका नवीनीकरण नहीं कराया जा सका है। मंत्रालय द्वारा जिन दस्तावेजनों की वैधता की अवधि बढ़ायी गयी है, उनमें फिटनेस प्रमाणपत्र, सभी तरह के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। बता दें कि देश इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है और इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। लॉकडाउन के दौरान बस, ट्रेन और विमान सेवाओं को रोक दिया गया है। राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में लॉकडाउन के बाद सड़कें सुनसान हैं।

इस लॉकडाउन के दौरान केवल जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को ही आने-जाने की अनुमति है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 को पार कर गई है। अभी तक देश में 1205 कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं जबकि 102 लोग ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, इस वायरस के संक्रमण के कारण 32 लोगों की मौत भी हुई है। कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और केरल में सामने आए हैं।

कोरोना वायरस: पाकिस्‍तान में हिंदुओं पर अत्याचार, सिर्फ मुस्लिमों को बांट रहा राशन

न्यूज डेस्क: पाकिस्‍तान में इमरान खान सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच भी यहां पर हिंदुओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कराची में प्रशासन की तरफ से हिंदुओं को राशन देने से साफ इनकार कर दिया है। कराची, पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत में आता और सिंध, कोविड-19 से खासा प्रभावित है। यहां पर प्रशासन से साफ-साफ कहा है कि राशन मुसलमानों के लिए है और हिंदुओं को नहीं मिलेगा।
कराची सिटी में रहने वाले हिंदु प्रशासन और इमरान सरकार से खासे नाराज हैं। सिंध में इस समय लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन के बीच ही सिंध सरकार ने आदेश दिया है कि दिहाड़ी मजदूरों और बाकी कर्मियों को स्थानीय एनजीओ और प्रशासन की तरफ से राशन दिया जाए। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रशासन हिंदुओं से बोल रहा है कि वे राशन के हकदार नहीं हैं। प्रशासन के मुताबिक कि राशन केवल मुस्लिमों के लिए आया है। सिर्फ इतना ही नहीं यहा पर 3,000 लोग राशन लेने के लिए इकट्ठा हुए। मगर उनकी स्क्रिनिंग तक नहीं की गई और न ही इसके कोई इंतजाम किए गए हैं। जानकारी के अनुसार हिंदुओं को ल्यारी, सचल घोठ, कराची के अन्य हिस्सों के साथ पूरे सिंध में राशन देने से मना किया जा रहा है।

राजनीतिक कार्यकर्ता डॉक्टर अमजद अयूब मिर्जा ने चेतावनी दी है कि अल्पसंख्यक समुदाय गंभीर खाद्य संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान में अब तक 1593 लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं और 16 की मौत हो गई है। यहां सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांतों में पंजाब और सिंध हैं। ऐसे समय पर भी पाकिस्तान हिंदुओं के साथ भेदभाव करने से बाज नहीं आ रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान साल 2018 में जब सत्ता में आए थे तब उन्होंने पाकिस्तान को रियासत-ए-मदीना बनाने का एलान किया था। जिसमें अल्पसंख्यकों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। इस समय उनके दावे के उलट हिंदुओं को राशन देने से मना किया जा रहा है।

1 अप्रैल से बदल जाएंगे एक करोड़ खाताधारकों के अकाउंट नंबर, सरकार का फैसला

न्यूज डेस्क: देश का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक पहली अप्रैल से अस्तित्व में आएगा। पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक को मिलाकर बुधवार से बड़ौदा यूपी बैंक नाम से नया बैंक बैकिंग सेवाएं प्रदान करेगा। इस विलय के कारण पूर्वांचल बैंक के करीब एक करोड़ से अधिक खाताधारकों का खाता नम्बर बदल जाएगा। अबतक इनका खाता नम्बर 11 डिजिट का होता था। अब बैंक आफ बड़ौदा की तरह 16 डिजिट का होगा। इतना ही नहीं सभी के पासबुक व चेकबुक भी नए बैंक के नाम से जारी होंगे। खाताधारकों के  मौजूदा पासबुक व चेकबुक फिलहाल मान्य होंगे।
शाखाओं के हिसाब से यह बैंक देश का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक होगा। नए बैंक का मुख्यालय गोरखपुर में होगा। विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक डीपी गुप्ता को पहला अध्यक्ष नामित किया गया है।  वित्त मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के तीन ग्रामीण बैंकों को मिलाकर एक नया बैंक बनाने के लिए गत वर्ष नवम्बर में अधिसूचना जारी की थी। पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक को मिलाकर पहली अप्रैल से एक नया बैंक अस्तित्व में आएगा। पूर्वांचल बैंक का मुख्यालय गोरखपुर, काशी गोमती का मुख्यालय वाराणसी एवं बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक का मुख्यालय रायबरेली में है। नए बैंक में पूर्वांचल बैंक की 600, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक की 478 व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक की 972 शाखाओं का विलय होगा। नए बैंक की यूपी के 31 जिलों में 2050 शाखाएं होंगी। नए बैंक में 8361 कर्मचारी होंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा नए बैंक का प्रवर्तक बैंक होगा।

नए बैंक के नाम से जारी होंगे पासबुक व चेकबुक। 
 पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक एवं बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के खाताधारक पहली अप्रैल से बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के ग्राहक माने जाएंगे। खाताधारकों के मौजूदा पासबुक व चेकबुक फिलहाल मान्य होंगे। साफ्टवेयर में जरूरी बदलाव के बाद उन्हें नया पासबक व चेकबुक जारी किया जाएगा।

इन जिलों में काम करेगा नया बैंक। 
गोरखपुर। नया ग्रामीण बैंक गोरखपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरैया, आजमगढ़, बलिया, बरेली, बस्ती, भदोही, चंदौली, देवरिया, इटावा, फैजाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशांबी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर एवं वाराणसी में काम करेगा।

कर्मचारी चयन बोर्ड में निकली भर्तियां, जल्दी करें आवेदन, वेतन 40 हजार

न्यूज डेस्क: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएमएसएसबी) जूनियर इंजीनियर ( कनिष्ठ अभियंता ) की बंपर भर्ती के लिए आवेदन की तिथि आगे बढ़ाएगा। फिलहाल आवेदन की अंतिम तिथि 2 अप्रैल, 2020 है। लेकिन आरएसएमएसएसबी ने नोटिस जारी कर यह घोषणा की है कि उम्मीदवारों की सुविधा को देखते हुए आवेदन की प्रक्रिया 2 अप्रैल के बाद फिर से खोली जाएगी। जो आवेदन ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, उन्हें उनके ऑनलाइन आवेदन में संशोधन करने की सुविधा के लिए नई तिथियां भी बाद में अलग से घोषित की जाएंगी। नई सूचनाओं के लिए बोर्ड की वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in नियमित रूप से चेक करते रहें।
1. पद, विभाग और वैकेंसी का ब्योरा
सार्वजनिक निर्माण विभाग
कनिष्ठ अभियंता, कुल पद : 380
(पदों का विवरण विषय के अनुसार)
सिविल (डिग्री धारक), पद : 276
सिविल (डिप्लोमा धारक), पद : 69
विद्युत (डिग्री धारक), पद : 29
विद्युत (डिप्लोमा धारक), पद : 06

जल संसाधन विभाग
कनिष्ठ अभियंता, कुल पद : 462
(पदों का विवरण विषय के अनुसार)
सिविल (डिग्री धारक), पद : 149
सिविल (डिप्लोमा धारक), पद : 307
यांत्रिक (डिग्री धारक), पद : 02
यांत्रिक (डिप्लोमा धारक), पद : 04

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
कनिष्ठ अभियंता, पद : 135
(पदों का विवरण विषय के अनुसार)
सिविल (डिग्री धारक), पद : 66
सिविल (डिप्लोमा धारक), पद : 69

राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड
कनिष्ठ अभियंता, पद : 79
(पदों का विवरण विषय के अनुसार)
सिविल (डिग्री धारक), पद : 59
सिविल (डिप्लोमा धारक), पद : 15
विद्युत (डिग्री धारक), पद : 04
विद्युत (डिप्लोमा धारक), पद : 01

योग्यता 
डिग्री धारकों के लिए : मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से पद से संबंधित विषय में बीई/बीटेक डिग्री प्राप्त होना चाहिए। 

डिप्लोमा धारकों के लिए : मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से पद से संबंधित विषय में इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्राप्त होना चाहिए। 

वेतनमान 
सातवें वेतनमान के अनुसार पे मैट्रिक्स लेवल-10 के अनुसार शुरूआती वेतन 33,800 रुपये दिया जाएगा। 

आयु सीमा : 
न्यूनतम 18 और अधिकतम 40 वर्ष। इसकी गणना एक जनवरी 2021 के आधार पर की जाएगी। 

अधिकतम आयु में छूट राजस्थान सरकार के नियमों के मुताबिक दी जाएगी। 

कोरोना ने पहुंचाई चीन की प्रतिष्ठा को चोट, पूरी दुनिया के लोग दे रहे गाली

न्यूज डेस्क: कोरोना महामारी से चीन में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान ही नहीं गई बल्कि इसने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और उसके चेयरमैन राष्ट्रपति शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। कोरोना के कारण पूरी दुनिया में रहने वाले लोग चीन को गाली दें रहें हैं। 
अब पार्टी की प्रचार मशीनरी इससे हुए नुकसान की भरपाई में लग गई है। खास बात यह है कि इसके लिए वह फेसबुक और ट्विटर जैसे माध्यमों का उपयोग कर रही है, जो चीन में प्रतिबंधित हैं।

कैनबरा स्थित एक गैर लाभकारी रिसर्च आर्गेनाइजेशन 'चाइना पॉलिसी सेंटर' के निदेशक एडम नी ने बताया कि महामारी से ठीक तरह से निपट नहीं पाने के चलते चिनफिंग की छवि धूमिल हुई है। पिछले बारह महीनों के दौरान चिनफिंग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, इसमें धीमी अर्थव्यवस्था सहित हांगकांग और अमेरिका-चीन संबंध जैसे मुद्दे शामिल हैं। अभी तक तो चीन का मीडिया बिना सोचे-समझे चिनफिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में खड़ा होता रहा है, लेकिन इस महामारी के बाद उस पर भी दबाव बढ़ा है। 

माओत्से तुंग के समय इसे जुबानी युद्ध कहा जाता था, लेकिन आज के दौर में यह पश्चिमी मीडिया प्लेटफार्म पर लड़ा जा रहा है। इसीलिए पश्चिमी देशों के मीडिया प्लेटफार्म पर चल रही खबरों से निपटने के लिए चीनी राजनयिक, मंत्री और सरकारी विभाग के प्रवक्ता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। महामारी के नियंत्रण में चीन की भूमिका से जुड़े कई पोस्ट और लेखों के लिए ये लोग फेसबुक और ट्विटर का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे का एकमात्र उद्देश्य यह है कि वुहान में कोरोना के प्रकोप के लिए किसी दूसरे पर दोष मढ़ा जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाओ ने ट्वीट कर महामारी फैलने को अमेरिकी साजिश बताया था।

विश्व बैंक की रिपोर्ट, भारत, चीन सहित पूर्वी एशिया में तेजी से बढ़ेगी गरीबी

न्यूज डेस्क: कोरोना महामारी के बीच विश्‍व बैंक ने चीन समेत पूर्वी एशिया के आर्थिक हालात का जायजा लिया है। कोरोना से पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव को लेकर विश्‍व बैंक की यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है। गौर करने वाली बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब यह कहा जा रहा है कि पूरी दुनिया कोरोना से संघर्ष कर रही लेकिन चीन में हालात तेजी से सुधर रहे हैं।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कोरोना महामारी से चीन के आर्थिक विकास पर ग्रहण लग सकता है। यह चीन के विकास गति पर पूरी तरह से ब्रेक लगा सकती है। पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री आदित्य मट्टू ने कहा कि हालांकि, यह विश्‍वव्‍यापी संकट है, लेकिन इससे चीन समेत पूर्वी एशिया मुल्‍कों में गरीबी में तेजी से इजाफा होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्वी एशिया में 1.1 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे। 

ये हैं दुनिया के 5 सबसे बड़े दानवीर, इतिहास हमेशा रखेगा याद

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस के जंग को जितने के लिए दुनिया के कई लोग दानवीर की भूमिका निभा रहें हैं। ताकि मानव जाती का रच्छा किया जा सके। आज इसी विषय में  जानने की कोशिश करेंगे दुनिया के सबसे बड़े दानवीर के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
बिल गेट्स।
सूचना तकनीक क्रांति के दौर के सबसे सफल उद्यमी, बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया है। उन्होंने कई बार दुनिया के सबसे अमीर आदमी का खिताब हासिल किया है। वर्ष 1999 के बाद से, गेट्स ने वॉरेन बफेट के साथ अपना पैसा बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में लगाया जो कि दुनिया के अग्रणी परोपकारी संगठनों में से एक है। यह मुख्य रूप से वैश्विक स्वास्थ्य सेवा, गरीबी, शिक्षा और सामान्य लोगों तक सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस समय वह 35.8 बिलियन डॉलर के दान के साथ दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी बने हुए हैं।

वॉरेन बफेट। 
दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक, वॉरेन बफेट भी अरबपति परोपकारी लोगों की सूची में सबसे उदार में से एक हैं। अपनी व्यक्तिगत मितव्ययिता, और लगातार सफल निवेश सलाह के लिए जाने जाने वाले बफेट ने बिल गेट्स के साथ आर्थिक संकट के दौर में अमेरिकी अरबपतियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। 34 बिलियन डॉलर के दान के साथ वह इस समय दुनिया के दूसरे सबसे बड़े परोपकारी हैं।

ली का-शिंग। 
हांगकांग के बड़े बिजनेस मैग्नेट के रूप में चर्चित शिंग एक निवेशक और परोपकारी भी है। जून 2019 में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक वह दुनिया के 30वें सबसे अमीर व्यक्ति है, जिनकी अनुमानित शुद्ध संपत्ति 29.4 बिलियन डॉलर है। सीके हचिंग्सन के अध्यक्ष से मई 2018 में रिटायर होने के बाद वह इसके वरिष्ठ सलाहकार हैं। यह कंपनी एशिया और यूरोप में ब्यूटी एंड हेल्थ क्षेत्र की बड़ी प्लेयर है। 10.7 बिलियन डॉलर के दान के साथ वह इस लाई सूची में तीसरे नंबर पर हैं।

एंड्रयू कार्नेगी। 
इतिहास के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक, कार्नेगी हॉल के नाम से चर्चित एंड्रयू कार्नेगी का लगभग एक सदी पहले निधन हो चुका है, लेकिन अभी भी दुनिया के बड़े परोपकारियों की सूची में उनका नाम है। स्कूल—कॉलेज के लिए उदारतापूर्वक दान देने वाले कार्नेगी अपने अंतिम 20 साल अपनी संपत्ति का 90 फीसदी हिस्सा दान देने में बिताया। 9.5 बिलियन डॉलर के दान के साथ वह अभी इस सूची में चौथे नंबर पर हैं।

अजीम प्रेमजी। 
अजीम प्रेमजी 24 जुलाई 1945 को जन्मे भारतीय बिजनेस टाइकून, निवेशक, इंजीनियर और परोपकारी इस समय विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। उन्हें अनौपचारिक रूप से भारतीय आईटी उद्योग बादशाह भी कहा जाता है। अक्टूबर 2019 में वह 7.2 बिलियन डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ भारत में दसवें सबसे अमीर व्यक्ति थे। वर्ष 2013 में, उन्होंने द गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करके अपने धन का कम से कम आधा हिस्सा देने पर सहमति व्यक्त की थी। करीब 8 बिलियन डॉलर के दान के साथ वह सूची में पांचवे स्थान पर आते हैं।

चीन से कोरोना टेस्टिंग किट नहीं खरीदेगा भारत, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

न्यूज डेस्क: भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) खरीदेगा। हालांकि इस लिस्ट में टेस्टिंग किट शामिल नहीं होगी जिसमें कुछ देशों ने खामी पाई है। इससे पहले चीन ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर मदद की पेशकश की थी। सरकार खरीदारी के लिए चाइनीज कंपनियों के साथ कमर्शियल डील करेगी। यह खरीद किसी भी ग्रांट इनिशिएटिव का हिस्सा नहीं होगी। सूत्रों ने बताया कि भारत पड़ोसी देश से टेस्टिंग किट नहीं खरीदेगा। चीन ने स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को टेस्टिंग किट सप्लाई की थीं जिन्हें दोषपूर्ण पाया गया है। फिलीपींस ने टेस्टिंग किट के खराब होने की शिकायत की है।
स्पेन की हेल्थ अथॉरिटीज ने पिछले हफ्ते शिकायत की थी कि टेस्ट किट सही तरीके से काम नहीं कर रही हैं जिसके बाद एक चाइनीज कंपनी ने हजारों खराब टेस्टिंग किट बदलने का प्रस्ताव दिया था। स्पेन के स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इल्ला के अनुसार 6,40,000 टेस्टिंग किट की पहली खेप संक्रमित रोगियों की अच्छे से पहचान करने में सक्षम नहीं थी। उन्होंने गुरुवार को 58,000 किट वापस करने का ऐलान किया था। यह चीन के लिए शर्मनाक स्थिति थी जो वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस से खराब हुई छवि को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है।

भारत अर्जेंट बेसिस पर चीन से N-95 मास्क और वेंटिलेटर जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। चीन से खरीदारी से भारत पर दबाव कम हो सकता है क्योंकि यह महामारी से लड़ने की तैयारी में जुटा है। एन-95 मास्क और PPE के उत्पादन को बड़े पैमाने पर झटका लगा है क्योंकि इन्हें बनाने के लिए जरूरी कंपोनेंट चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किए जाते हैं। कोविड -19 के प्रकोप के बाद दोनों देशों की सप्लाई चेन अस्तव्यस्त हो गई थी। भारत स्वदेशी उपायों पर जोर दे रहा है और इंडियन मैन्युफैक्चरर्स को उपलब्ध कंपोनेंट के सहारे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है लेकिन इंपोर्टेड कंपोनेट्स पर निर्भरता काफी अधिक है।

पिछले मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दोनों देशों पर कोरोना वायरस के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए फोन पर बात की थी। इस दौरान वांग ने भारत से वायरस को ‘चाइनीज वायरस’ के रूप में प्रचारित नहीं करने का आग्रह किया क्योंकि इससे दुनिया में चीन की छवि खराब होगी।

कोरोना वायरस: CM योगी की डांट का असर, नोएडा में कंपनी हुई सील

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस को ख़त्म करने के लिए भारत में लॉकडाउन लागु हैं। इसी बिच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डांट का असर दिखने लगा है. नोएडा जिला प्रशासन ने मंगलवार को सेक्टर-135 स्थित सीजफायर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को सील कर दिया है. 
मिली जानकारी के अनुसार यह वही कंपनी है, जिसके कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले थे. इस कंपनी के उपर कार्रवाई न किए जाने पर सीएम योगी कल बिफर पड़े थे और अफसरों को खरी-खोटी सुनाई थी.

इसके बाद आज एसडीएम प्रसून द्विवेदी ने सेक्टर 135 में स्थित सीजफायर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को आगामी आदेशों तक सील कर दिया. नोएडा में इसी कंपनी के चलते सबसे ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. इस कंपनी पर कार्रवाई न होने से पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई थी.

चीन में फिर बिकने लगा चमगादड़, कुत्ते, बिल्ली का मांस, फिर फैलाएगा वायरस

न्यूज डेस्क: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) अभी भी हाहाकार मचा हुआ है कई हज़ार लोग इसकी वजह से अपने ज़िंदगियां खो चुके हैं और कई लाख अभी भी इस बीमारी से जंग लड़ रहे हैं. 190 से ज्यादा ममालिक अभी भी इस वायरस से लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन चीन है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. चीन की वुहान रियासत में फिर से जानवरों के बाज़ार शुरू हो गए हैं. इन बाजारों में कुत्ते, बिल्ली और चमगादड़ के मांस की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. वो भी बगैर किसी सिक्योरिटी के.
कुछ लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस इन्हीं तरह के जानवरों के ज़रिए इंसान तक पहुंचा है. वुहान से निकलकर यह वायरस इटली पहुंचा और अब पूरे यूरोप को अपनी ज़द में ले चुका है. अमेरिका भी इसकी ज़द में हैं. अमेरिका का न्यूयॉर्क नया वुहान बनता जा रहा है. अमेरिका में करीब डेढ़ लाख लोग कोरोना वायरस से मुतास्सिर हैं. अब तक 33 हज़ार लोग इस वायरस की के चलते जान गंवा चुके हैं. मुल्क की मईशत तक भी आईसीयू में पहुंच गई है.

बता दें कि यह मार्केट लॉकडाउन की वजह से पिछले तीन माह से बंद पड़ी थी. अब लॉकडाउन हटने की वजह से बाज़ार खुल गए हैं और चीन हुकूमत लोगों को बाज़ार में आने के को कह रही है ताकि कोरोना की वजह से डूबी मईशत को बूस्ट किया जा सके. इन बाज़ारों में फिर से चमगादड़, कुत्ते, बिल्ली, बिच्‍छू और दीगर जानवरों के मांस की बिक्री ज़ोरों पर है.

बड़ी खुशखबरी: इस कंपनी ने तैयार कर लिया Coronavirus का टीका, शुरू हुआ ट्रायल

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए अब देश दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां काम करना शुरू कर चुकी हैं. इस कड़ी में अंतरराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johanson) का नाम सामने आया है. कंपनी ने दावा किया है कि उनके वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का टीका इजाद कर लिया है. इस टीके का ट्रायल जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
एक बिलियन टीके तैयार करने का लक्ष्य
जॉनसन एंड जॉनसन का कहना है कि कंपनी ने बायोमेडिकल एडवांस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (BARDA) के साथ मिलकर जनवरी 2020 से कोरोना वायरस के टीके तैयार करने के शोध में जुट गई थी. गहन शोध के बाद कंपनी ने इस जानलेवा वायरस से लड़ने का टीका तैयार कर लिया है. कंपनी का कहना है कि जल्द ट्रायल होने के बाद पूरी दुनिया में एक बिलियन टीके तैयार करके वितरण करेगी.

अमेरिका, इंग्लैंड और रूस भी टीके लाने की तैयारी में
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के टीके तैयार करने में अमेरिका, इंग्लैंड और रूसी सरकार भी जी जान से जुटे हुए हैं. अमेरिका अपने टीके का चीन, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है. वहीं इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में चल टीका तैयार करने का कार्यक्रम भी जोरो पर है. रूस अपने टीके जानवरों पर जांच करना शुरू कर चुका है.

उल्लेखनीय है कि अब तक पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से 7.85 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमे से 37,686 लोग इस वायरस की वजह से दम तोड़ चुके हैं. अब तक 1.65 लाख लोग ठीक भी हो चुके हैं.

कोरोना वायरस: मस्जिद में पकड़े गए 18 विदेशी मौलवी, होगी सख्त कारवाई

न्यूज डेस्क: रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में 18 विदेशी मौलवियों के रहने की जानकारी पर पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया। पकड़े गए सभी मौलवी ब्रिटिश नागरिक बताया जा रहे हैं। सभी विदेशी एक साथ हिंदपीढ़ी के बड़ी मस्जिद में रुके थे। उनके साथ दिल्ली के दो, हैदराबाद के एक और रांची के दो युवकों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन सभी लोगों को कोरोना वायरस महामारी का संदिग्‍ध मानते हुए रांची के खेलगांव स्थित आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया है।
रांची डीसी राय महिमापत रे के निर्देश पर एसडीओ और हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस मस्जिद में मेडिकल टीम के साथ पहुंची और सभी विदेशियों को क्वारंटाइन किया गया। फिलहाल सभी के बारे में विस्‍तृत जानकारी जुटाई जा रही है। उनके पासपोर्ट और वीजा की भी गहन जांच चल रही है। पूछताछ में उन्‍होंने पुलिस को जानकारी दी है कि विदेश से तबलीग जमात के लिए वे सभी आए थे। इसकी सूचना डीसी को मिलने के बाद उन्हें हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया गया है। मेडिकल टीम ने सभी विदेशियों की स्‍वास्‍थ्‍य जांच भी की है।

रांची के हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद में विदेशियों के छुपे होने की सूचना पर पुलिस प्रशासन की टीम ने 18 विदेशियों सहित 24 को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया है। पुलिस ने सोमवार की सुबह तड़के तीन बजे से चार बजे के बीच सभी को खेलगांव कैंपस में बने आइसोलेशन होम में शिफ्ट किया है। पुलिस के अनुसार, कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया गया है।

पुलिस प्रशासन ने सभी विदेशी नागरिकों की मेडिकल जांच कराई है। मेडिकल के प्रारंभिक जांच में किसी में कोराना के लक्षण नहीं मिले हैं। हालांकि, उन्हें आइसोलेट कर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। सबकुछ ठीक रहने पर सभी को पुलिस छोड़ देगी। फिलहाल एसडीओ सभी विदेशी नागरिकों के कागजातों का सत्यापन कर रहे हैं। अबतक सभी के वीजा-पासपोर्ट सही मिले हैं।

कोरोना से मरने वाले सभी धर्म के व्‍यक्ति के शव को जलाया जाएगा, सरकार का आदेश

न्यूज डेस्क: महाराष्‍ट्र सरकार ने कहा है कि कोराना वायरस से मरने वाले व्‍यक्ति के शव को जलाया जाना जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। उसे दफनाने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्‍कार में केवल पांच लोग शामिल होंगे। माना जाता है कि शव को दफनाने से दूसरे में संक्रमण की संभावना होती है। यही कारण है कि शव का जलाना ही संक्रमण को रोकने के लिए ज्‍यादा बेहतर तरीका है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने गाइड लाइन जारी की हुई है।   
मुंबई में बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) के आयुक्‍त ने कहा कि कोरोना वायरस के रोगियों के सभी शवों को धर्म की परवाह किए बिना अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। उन्‍हें दफनाने की अनुमति नहीं होगी, बल्कि उन्‍हें जलाया जाएगा। अंतिम संस्कार में 5 से अधिक लोग शामिल नहीं होने चाहिए। ज्ञात हो कि नगर निगम ही अंतिम संस्‍कार जैसे सामाजिक कार्यक्रम को देखती है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की 'संक्रमण रोकथाम, महामारी नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल में महामारी प्रवृत तीव्र श्वसन संक्रमण' पर गाइडलाइंस में शव को आइसोलेशन रूम या किसी क्षेत्र से इधर-उधर ले जाने के दौरान शव के फ्लूइड्स के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों का समुचित इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि मुर्दाघर कर्मियों और अंतिम संस्कार करने वालों को हाथों को समुचित रूप से साफ रखने जैसी मानक एहतियात बरतनी चाहिए और उचित निजी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर शव से फ्लूइड्स या स्त्राव के छीटें आने की संभावना हो तो चेहरे की सुरक्षा करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी करना चाहिए।

कोरोना वायरस को रोकने में सफल हो रहा भारत, पीएम मोदी की पूरी दुनिया में हो रही तारीफ

न्यूज डेस्क: लॉकडाउन से भले ही लोगों को परेशानी हो रही हो, लेकिन कोरोना वायरस के प्रसार की गति को यह काफी हद तक थामने में सफल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 100 से बढ़कर 1000 तक पहुंचने में 12 दिन लगे हैं। इसकी तुलना दुनिया के दूसरे विकसित देशों से करें, तो वहां 12 दिनों में संख्या 100 से बढ़कर आठ हजार तक पहुंच गई थी। लव अग्रवाल ने कहा कि इसे आगे बनाए रखने के लिए अब भी सौ फीसद अलर्ट रहने और सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की जरूरत है।
लव अग्रवाल ने कोरोना के प्रसार की गति कम होने का श्रेय लॉकडाउन और दूसरे एहतियाती उपायों को देते हुए कहा कि जिन देशों ने समय पर एहतियाती कदम नहीं उठाए, उन देशों में यह बेकाबू होता गया। उनके अनुसार सरकार की कोशिश कोरोना के फैलने के इंतजार करने के बजाय पहले ही इस पर पूरी तरह नियंत्रण करने की है और इसमें आम लोगों के सौ फीसद सहयोग की जरूरत है। इसमें जरा भी कोताही अभी तक मिली सफलता पर पानी फेर सकता है। अपने आंतरिक नोट में 'लिमिटेड कम्यूनिटी ट्रांसमिशन' शब्द के प्रयोग का गलत अर्थ निकाले जाने के प्रति सावधान करते हुए लव अग्रवाल ने फिर दोहराया कि कोरोना वायरस अभी तक भारत में लोकल ट्रांसमिशन के दूसरे फेज में ही है।

यदि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का फेज शुरू हुआ तो वे सबसे पहले लोगों को इसकी जानकारी देंगे ताकि लोग सतर्क हो सकें। उन्होंने कहा कि जिस आंतरिक नोट का लिमिटेड कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के सिलसिले में जिक्र किया जा रहा है, उसमें भी साफ लिखा है कि अभी तक मिले सारे मामले लोकल ट्रांसमिशन के हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मरीज जरूर बिना हिस्ट्री के सामने आए हैं, लेकिन उनकी संख्या नगण्य है और इसकी जांच अलग से की जा रही है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि अभी तक कुल 38,442 कोरोना के टेस्ट हुए हैं, जिनमें अकेले रविवार को 3501 टेस्ट हुए हैं। इसके साथ ही पिछले तीन दिनों ने निजी लैब में भी 1334 टेस्ट हुए हैं, जिनमें एक भी कोरोना का पॉजिटिव केस नहीं निकला। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन गोली खाने के बाद एक डॉक्टर की हार्टअटैक से मौत के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर गंगाखेड़कर ने कहा कि इस दवा की एक-दो डोज लेने से हार्टअटैक होने की संभावना नहीं है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले उक्त डॉक्टर की मेडिकल हिस्ट्री देखना जरूरी है।

दिल्ली समेत पूरे देश में संकट गहराया, तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण

न्यूज डेस्क: स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या 1,251 हो गई है। इनमें से 102 लोग ठीक हो गए हैं। वहीं मरनेवालों की संख्या 32 हो गई है। सोमवार को 217 मामले सामने आए। 
लॉकडाउन के दौरान आयोजित हुए तब्लीगी मरकज दिल्ली समेत पूरे देश में संकट गहरा गया है। इसमें शामिल छह लोगों की सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में शामिल कुछ लोग कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं। इस कार्यक्रम में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के 100 से अधिक लोग मौजूद थे।

पुलिस के अनुसार, इस मरकज में शामिल होने के लिए कई देशों से भी लोग आए थे। उन्हें क्वारंटाइन के लिए कहा गया है। करीब 60 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोकनायक अस्पताल में निजामुद्दीन से 35 संदिग्ध मरीजों को भर्ती कराया गया है।

लॉकडाउन के दौरान आयोजित हुए तब्लीगी मरकज दिल्ली समेत पूरे देश में संकट गहरा गया है। इसमें शामिल छह लोगों की सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मरकज में शामिल होने 15 मार्च के बाद भी यहां विदेशी मरकजी आते रहे। इस कार्यक्रम में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के 100 से अधिक लोग मौजूद थे। लॉकडाउन होने तक यहां 1500 लोग मौजूद थे। 

कोरोना वायरस (COVID-19)को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को तोड़ना दिल्ली के लोगों पर भारी पड़ सकता है। रविवार को कोरोना के मामलों में अचानक आई वृद्धि से संकट गहरा गया है। बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में शामिल कुछ लोग कोरोना से पीड़ित पाए गए हैं। 

कोरोना संकट के बीच रेलकर्मियों को खुशखबरी, अप्रैल शुरू होते ही मिलेगा वेतन

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस से बचने के लिए 22 मार्च से ट्रेन का संचालन बंद है। इस दिन से ही रेलवे जोन और मंडल कार्यालय को भी बंद कर दिया गया है। इस वजह से कर्मचारी और यात्री से जुड़े काम पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं। हालांकि रेलवे में काम करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों के लिए अच्छी खबर यह है कि उन्हें इस बार भी समय पर वेतन मिलेगा।
दरअसल, जबलपुर रेल मंडल के कार्मिक विभाग ने अपने 20 हजार कर्मचारियों को वेतन भुगतान से जुड़ी सभी प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली है, जिसके बाद जबलपुर रेल मंडल के सभी कर्मचारियों के खाते में 2 अप्रैल को वेतन आ जाएगा। मंडल के डीआरएम संजय विश्वास ने बताया कि कार्मिक विभाग के कर्मचारियों ने दिन-रात काम करते हुए यह बता दिया है कि इस मुश्किल दौर में भी किसी रेल कर्मचारी को अपने वेतन के लिए इंतजार नहीं करना होगा। सभी का वेतन दो अप्रैल तक उनके खाते में आ जाएगा। इतना ही नहीं मंडल के सभी पेंशनर्स को भी परेशानी नहीं होगी। उनके खाते में भी समय पर पेंशन दे दी जाएगी। 

बता दें कि कोरोना संकट से उबरने के लिए रेलवे हर एक प्रयास में लगा हुआ है। रेलवे शुरुआती तौर पर अपने 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करेगा। रेलवे बोर्ड ने इस आशय के संदेश मिलने के बाद सभी जोनो ने अपने अपने स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोच को आइसोलेशन में तब्दील करने के अलावा रेलवे अपने अस्पतालों में 6500 बिस्तररों को भी कोरोना पीडि़तों के इलाज के अनुरूप तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएगा।

कोरोना के खिलाफ राष्ट्रव्यापी जंग में रेलवे बड़े पैमाने पर अपना योगदान दे रहा है। चीन से सीख लेते हुए उसने अपनी तैयारियों को सुपर रफ्तार देने का फैसला लिया है। जिस तरह चीन ने दस दिनों में कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए एक विशालकाय अस्पताल बनाकर खड़ा कर दिया था। उसी तरह रेलवे अगले कुछ दिनों में अपनी 5000 पैसेंजर बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए दिन रात कार्य कर रहा है।

तेजी से बढ़ेगी मौत की संख्या, कोरोना वायरस से संकट में दुनिया

न्यूज डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का कहना है कि अमेरिका में अगले दो हफ्ते में कोरोना वायरस (Coronavirus) से मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है. लिहाजा ट्रंप ने सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन को अगले 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है. ट्रंप के मुताबिक 1 जून तक सारी चीजें पटरी पर आ जाएंगी. इससे पहले उन्होंने अनुमान लगाया था कि ईस्टर तक सारी चीजें ठीक हो जाएगी.
ट्रंप का मानना है कि अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है. उन्होंने कहा कि अगर ये आंकड़ा एक लाख तक सीमित रहता है तो फिर इसका मतलब ये है कि हमने इसे रोकने के लिए अच्छा काम किया है.

अमेरिका इस संकट से एक जून तक उबर जाएगा, देशवासियों को यह आश्वासन देते हुए ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि दो शीर्ष जन स्वास्थ्य सलाहकारों एवं कोरोना वायरस पर व्हाउट हाउस कार्यबल के सदस्यों- डॉ. देबोरा बिक्स और डॉ एंथनी फॉसी की सलाह के आधार पर उन्हें सामाजिक मेलजोल से दूरी संबंधी उपायों की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ानी होगी.

ट्रंप ने कोरोना वायरस पर अपनी दूसरी रोज गार्डन प्रेसवार्ता में कहा, 'उनका कहना है कि जिन बचाव उपायों को हम लागू कर रहे हैं वे काफी हद तक संक्रमण के नये मामलों और असमय हो रही मौतों की संख्या घटा सकते हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि अमेरिका के लोग यह जानें कि आपके नि:स्वार्थ एवं साहसिक प्रयास देश में कई जानें बचा रहे हैं. आप बदलाव ला रहे हैं. अनुमान दर्शाते हैं कि दो हफ्तों में मृत्यु दर बेहद ऊंचाई पर पहुंच जाएगी.'

ट्रंप ने कहा कि सामाजिक दूरी को लेकर नए दिशा-निर्देशों की घोषणा एक अप्रैल को की जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद कर सकते हैं कि एक जून तक हम इस संकट से पार पा लेंगे.

गर्मियों में राहत पाने के लिए पहने इस तरह के ब्रा, बीमारियां रहेगी दूर

न्यूज डेस्क: गर्मी का मौसम महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं। क्यों की इस मौसम में ब्रा का गलत चुनाव महिलाओं को कई बार बीमार कर देता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे कुछ ऐसे ब्रा के बारे में जो ब्रा महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता हैं। इससे गर्मियां भी नहीं लगती और बीमारियां भी दूर रहती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
बैकलेस ब्रा : आप कोई गाउन या चोली पहनने जा रहीं हैं जो बैकलेस है, जिसमें पीछे का गला डीप या नेट जैसे कपड़े का हो तो सेक्सी बैकलेस ब्रा बहुत अच्छा विकल्प है और आपके पास यह भी होनी ही चाहिए। अधिकतर बैकलेस ब्रा की स्ट्रेप्स निकाली भी जा सकती हैं।

शेपवियर :लॉन्जरी में आजकल शेपवियर भी शामिल है जो आजकल लगभग हर महिला के वॉर्डरोब का हिस्सा है। इन्हें खास मौकों के साथ-साथ हर रोज भी पहना जा सकता है। जी हां शेपवियर का चलन अब इंडियन ड्रेसेस के साथ काफी फेमस हो गया है। इससे न सिर्फ बॉडी का फैट छिपाने में आसानी होती है बल्कि यह फिगर को बैलेंस करने में भी हेल्प करता हैं

स्पोर्ट्स ब्रा : फिटनेस का ध्यान रखने वाली महिलाओं में स्पोर्ट्स ब्रा का चलन और उसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इससे न केवल कंफर्टेबल महसूस होता है बल्कि ये बेहद स्टाइलिश भी दिखाई देती हैं। आज के समय में स्पोर्ट्स ब्रा एक फैशन ट्रेंड बन गया है, जो घुड़सवारी, स्विमिंग, जिम जैसी हर एक्टिविटी के लिए परफेक्ट है। ऐसे में लॉन्जरी के अपने कलेक्शन में स्पोर्ट्स ब्रा को जरूर शामिल करें।

Bralette : ये ब्रा जैसी ही होती है लेकिन उससे बहुत ज्यादा सेक्सी और कंफर्टेबल होती है। इसे ट्रांसपेरेंट या बैकलेस टॉप के नीचे पहन सकती हैं या आप चाहे तो इसे बिकनी की तरह भी पहन सकती हैं।

हॉल्टर नेक ब्रा : अगर आपको भी बोल्ड ड्रेसेस पहनने का शौक हैं तो आपको वॉर्डरोब में हॉल्टर नेक ब्रा जरूर होनी चाहिए। गर्मी के दिनों में इसे पहनना काफी पसंद किया जाता है। यह कॉटन, सैटिन, मेश, नेट, लेस, पॉलीएमाइड और सिल्क जैसे बहुत सारे फ्रैब्रिक्स में उपलब्ध होते हैं। इन्हें mesh top के साथ खूबसूरती से पेयर किया जा सकता है। 

लॉकडाउन: देश की जनता भूखी, कोरोना वायरस से मुश्किल में भारत

न्यूज डेस्क: आज पूरी दुनिया के साथ भारत भी कोरोना की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है। देश के करोड़ों लोगों के पास लॉक डाउन के चलते दाना-पानी की समस्या उत्पन्न हो चुकी है। जाहिर है कि 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में सरकार के लिए हर एक के पास तक मदद पहुँचाना बेहद कठिन है। आज भारत की जनता भूखी नजर आ रही हैं। कोरोना वायरस ने भारत को मुश्किल में डाल दिया हैं। 
आपको बता दें की यह देश कई सारे संसदीय क्षेत्र, विधानसभा क्षेत्र, वार्ड क्रमांक आदि में बंटा हुआ है। जिसमे प्रत्येक क्षेत्र का एक प्रतिनिधि भी नियुक्त है। वही प्रतिनिधि, जो चुनाव के समय आपके पसीने पर अपना खून बहा देने वाले वादे करते नज़र आता है और चुनाव ख़त्म होने के बाद ऐसे गायब हो जाता है जैसे धरा पर आया ही ना हो।

हमारे देश में 545 साँसद,  245 राज्यसभा सांसद, 4120 विधायक हैं, इनके अलावा पार्षदों की गिनती तो हज़ारों में है। है। लेकिन अगर इन जनप्रतिनिधियों का भी जोड़ किया जाए तो कुल मिलाकर 4910 जनप्रतिनिधि होते हैं। अगर ये सभी जनप्रतिनिधि मिलकर अपने व्यक्तिगत खातों मे से 5-5 लाख रुपए भारत सरकार को दे तो देश के पास कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 2,455,000,000 लाख ( 2 अरब 45 करोड़ 50 लाख) रुपये जमा सकते हैं। हर सांसद और विधायक ये देने में सक्षम है (गिने-चुनों को छोड़कर), क्योंकि इनके चुनावी हलफनामे में सबकी संपत्ति लाखों करोड़ों में दर्शाई गई है। 

इसलिए हमारी देश के पीएम नरेन्द्र मोदी जी से अपील है कि वो भारत देश के इन माननीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करें की वो अपने व्यक्तिगत खातों से 5-5 लाख रुपये देश की सेवा के लिए दान करे। जिससे देश की जनता को इस मुसीबत के वक़्त में दाना-पानी मुहैया कराया जा सके।   

सावधान! यदि बचना है कोरोना से तो भूलकर भी न करें सेक्स, गायनाकोलॉजिस्ट की ले सलाह

न्यूज डेस्क: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण इतनी तेजी के साथ फ़ैल रहा हैं। जिससे इंसान का सतीत्व खतरे में आ गया हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना का कहर अब न केवल दुनिया बल्कि सेक्स लाइफ पर भी पड़ता जा रहा है .जंहा आज हर किसी के दिल में एक ही सवाल है कि क्या ऐसे में सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं, तो चालिए जानते है विस्तार से। 
वैसे तो सेक्स करना इंसान की सबसे स्वाभाविक प्रवृत्ति है और कोरोना फैलने के डर से ज़्यादार ऑफ़िसेज़ ने वर्क फ्रॉम होम का विकल्प दे रखा है. ऐसे में ज़ाहिर है, पैनिक सिचुएशन के बावजूद सेक्स करने का मन करे. पर यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि आप इस वायरस से इन्फ़ेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हों तो बेहतर होगा कि सेक्स करने से परहेज़ ही करें. 

इसका कारण यह है कि कोविड १९ के लक्षणों को स्पष्ट रूप से दिखाई देने में 2 से 14 दिन लग सकते हैं. सेक्स नहीं करने का दूसरा कारण यह है कि यह इन्फ़ेक्शन बॉडी फ़्लूइड से फैलता है. ऐसे में पुरुषों के सीमेन या महिलाओं के वजाइनल फ़्लूइड से यह फैल सकता है. ऐसे में पार्टनर को भी इन्फ़ेक्शन होने का ख़तरा हो सकता है. 

वहीं यदि आपको बुख़ार, खांसी, सांस लेने में तक़लीफ़ या नाक बहना जैसे लक्षण दिखें तो बेहतर यही होगा कि ख़ुद को बाक़ी लोगों से दूर कर लें. ट्रीटमेंट के बाद भी आपको अगले दो हफ़्ते तक सेक्स करने से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

अगर कोई महिला बच्चे को जन्म दी हैं तो शरीर पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है. शरीर को हील होने में समय लगता है. आमतौर पर डिलिवरी के बाद कम से कम छह हफ़्ते तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है. तो अगर आपका कितना भी मन क्यों न हो, अपने शरीर के बारे में सोचें. शरीर को ठीक होने के लिए आवश्यक समय दें. यदि कोई डाउट हो तो इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें. गायनाकोलॉजिस्ट की सलाह पर ही संबंध बनाना शुरू करें. 

कोरोना वायरस से जंग लड़ने में रोबोट कर रहे मदद, मरीजों का तेजी से हो रहा इलाज

न्यूज डेस्क: दुनियाभर में कहर बरपा रहे घातक कोरोना वायरस से निपटने में कई देशों में रोबोट मदद कर रहे हैं। आदमी की तरह काम करने वाली इन मशीनों को अस्पतालों को विषाणु मुक्त करने, रोगियों को भोजन और दवा पहुंचाने जैसे कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है। कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में भी जल्द ही व्यापक तौर पर रोबोटों की मदद ली जा सकती है। रोबोट के इस्तेमाल से चिकित्सा कर्मियों को रोगी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती और इस तरह संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है। रोबोट को उपचार और पृथक रखे गए मरीजों की मदद करने के लिए भी तैनात किया गया है। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए विश्वभर में लोगों को एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। इस महीने के शुरू में चीन के वुहान में होंगशान स्पोर्ट सेंटर में खोले गए एक फील्ड हॉस्पिटल में 14 रोबोट की तैनाती की गई। 

बीजिंग स्थित रोबोट कंपनी क्लाउडमाइंड्स द्वारा उपलब्ध कराए गए रोबोट साफ-सफाई, विषाणु मुक्त करने की प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं, रोगियों को दवा दे सकते हैं और उनके शरीर का तापमान माप सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग स्थित एक अस्पताल में भी केंद्र को विषाणुमुक्त करने के लिए एक अल्ट्रावॉयलेट रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

भारत में, जयपुर स्थित सवाई मानसिंह सरकारी अस्पताल मानव आकृति वाले रोबोट पर सिलसिलेवार परीक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसे वहां भर्ती कोविड-19 पीड़ित व्यक्तियों को दवा और भोजन पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त केरल स्थित स्टार्टअप असिमोव रोबोटिक्स ने तीन पहिए वाला एक रोबोट विकसित किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसे पृथक वार्डों में रखे गए मरीजों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

Science News: जानें कब और कैसे बनेगा कोरोना वायरस का टीका?

न्यूज डेस्क: माना जा रहा है कोरोना वायरस के लिए टीका बनाने के जो काम चल रहा है उसमें उन लोगों की मदद ली जा सकती है जो कोविड 19 से ठीक हो गए हैं.
शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति किसी भी बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडिज़ बनाती है और इन्हीं के सहारे अब कोरोना का टीका बनाने में भी मदद ली जा सकती है.

औषधि विज्ञान में एक कॉन्सेप्ट होता है "पैसिव इम्यूनिटी का". इस कॉन्सेप्ट के अनुसार ये माना जाता है कि जो व्यक्ति एक बार कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद ठीक हुआ है उसके शरीर में इससे निपटने के लिए एंटीबॉडिज़ तैयार हुई होंगी.

वेज्ञानिक मानते हैं कि संक्रमण के ठीक हुए व्यक्ति के शरीर के ख़ून के प्लाज़्मा से इससे बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है और इससे दूसरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसी कॉन्सेप्ट के आधार पर पहले पोलियो और खसरे जैसी बीमारियों के टीके बनाए गए हैं.

Science News: मेडिकल साइंस के अनुसार जानें क्या है कोरोना वायरस?

न्यूज डेस्क: मेडिकल साइंस के अनुसार कोरोना वायरस भी कोई जिंदा जीव नहीं है, लेकिन एक प्रोटीन मॉलीक्यूल (आरएनए) है. इसका आकार आंख की एक आईलैश की चौड़ाई के एक हज़ारवें हिस्से जितना है.
जब यह आंख या नाक के रास्ते शरीर में पहुंचता है तो जहां जमा होता है वहीं के सेल (कोशिका) में जेनेटिक कोड को बदल देता है. इसके बाद वो इन्हें आक्रामक और मल्टीप्लायर सेल्स में तब्दील कर देता है.

शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ़ पैदा कर सकता है. इसका पहला हमला गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है. इसके बाद ये सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है. यहां ये एक तरह की "कोरोना वायरस फैक्ट्रियां" बनाता है. यानी यहां अपनी संख्या बढ़ाता है.

नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं. शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते. हालांकि कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

वैज्ञानिक बताते हैं कि इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड करीब 14 दिनों का है. लेकिन ये भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है. औसतन ये पाँच दिन का होता है.

क्यों ज़्यादा ख़तरनाक है कोरोना वायरस -रिसर्च में हुआ खुलासा

न्यूज डेस्क: कोविड 19 के वायरस पर यूनिवर्सिटी की ताज़ा रिसर्च के अनुसार कोविड 19 के लक्षण और फ्लू (इंफ्लूएंज़ा) के लक्षण लगभग एक समान दिखते हैं लेकिन दोनों से लड़ने की शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता एक समान नहीं है. हालांकि दोनों की तुलना करने का एक कारण ये भी है कि कोरोना दिसंबर से फैलना शुरु हुआ था जो फ्लू के फैलने का भी वक्त होता है.
लेकिन इंफ्लूएंज़ा अमूमन हर साल सर्दी के दिनों में होता है और अधिकतर लोगों शरीर कुछ हद तक इससे लड़ना सीख भी जाता है और उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति इससे निपटने के लिए एक तरह से तैयार होती है.

लेकिन कोविड 19 का मामला इससे अलग है. चूंकि ये नया वायरस है फिलहाल किसी भी इंसान के शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति इससे निपटने के लिए तैयार नहीं हैं.

यूनिवर्सिटी के अनुसार मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का इस वायरस के लिए तैयार न होना वायरस को अधिक ख़तरनाक बना देता है. यही कारण है कि सरकारों को इस वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं.

वायरस के जीनोम पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि एक तरफ़ जहां इंफ्लूएंज़ा का वायरस खुद को बदल लेता है यानी म्यूटेट कर लेता है, वहीं अब तक इस तरह के सबूत नहीं मिले हैं जिनसे पता चलता हो कि कोरोना वायरस भी खुद को बदल लेता हो.

वायरस का कहर कितना घातक होगा ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि वो कितनी जल्दी म्यूटेट करता है.जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक इस वायरस के टीके पर भी काम कर रहे हैं और उनका कहना है कि अभी इसमें देढ़ साल या उससे अधिक का वक्त लग सकता है. इस वायरस का टीका बना रहे वैज्ञानिकों से सामने फिलहाल ये सबसे बड़ी चुनौती है.

इस मुश्किल से निपटने के लिए वैज्ञानिक वायरस के कुछ ख़ास प्रोटीन पर काम कर रहे हैं ताकि अगर वायरस म्यूटेट कर भी जाता है तो टीका नाकाम न हो. 

मुसलमानों पर सबसे ज्यादा जुर्म करता हैं चीन, आखिर इतनी नफरत क्यों?

न्यूज डेस्क: चीन अपने यहां अल्पसंख्यक मुसलमानों पर नियंत्रण को और मजबूत करने के लिए एक राजनीतिक अभियान की शुरुआत करने वाला है। इसके लिए एक पंचवर्षीय योजना बनाई जा रही है जिसके तहत इस्लाम का चीनीकरण किया जाएगा ताकि इस्लाम को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विचारों के अनुरूप किया जा सके।
इस पांच वर्षीय योजना को अभी सार्वजनिक तो नहीं किया गया है लेकिन इसके मसौदे को लेकर 6 और 7 जनवरी को हुई बैठक के बाद चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन की वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज में इसका जिक्र है।

कथित तौर पर इस मसौदे का मकसद इस्लाम को और ज्यादा 'चीनी' बनाना है। राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिमों को संगठित करने और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले एक औपचारिक निकाय चाइनीज इस्लामिक एसोसिएशन का कहना है कि इस योजना में इस्लाम में चीन के साम्यवादी सिद्धांतों के अनुसार बदलाव किए जाएंगे।

बीजींग में चाइना इस्लामिक इंस्टीट्यूट के वाइस डीन गाओ जैनफु ने 6 जनवरी को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में इस बदलाव के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, ''इस्लाम के चीनीकरण का मतलब उसकी मान्यताओं, रीति-रिवाजों और विचारधारा को बदलना नहीं है बल्कि उसे समाजवादी समाज के अनुकूल बनाना है।''

अखबार कहता है कि चीन में ही मौजूद इस्लामिक समुदायों ने ''अपने राजनीतिक रुख में सुधार करके और पार्टी के नेतृत्व का अनुकरण करके उनके धर्म के चीनीकरण के लिए आग्रह किया है। चीन दिन प्रतिदिन अपने देश में इस्लाम पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा रहा हैं।