राज्य में कुल लगभग 5.98 हजार शिक्षक सरकारी विद्यालयों में कार्यरत हैं, वहीं हाल ही में नियोजित से विशिष्ट संवर्ग में शामिल किए गए करीब 73 हजार शिक्षकों की जांच प्रक्रिया भी चल रही है। यह कार्रवाई पटना उच्च न्यायालय के आदेश के तहत की जा रही है।
विश्वविद्यालयों और बोर्ड स्तर पर जांच
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों और राज्य शिक्षा बोर्ड के माध्यम से प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत 17,431 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित विश्वविद्यालयों को सौंप दी गई है। इनमें बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़ और असम के निजी शिक्षण संस्थानों से जारी प्रमाण पत्र भी शामिल हैं।
रिकॉर्ड की कमी और जांच में चुनौती
शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि 2006 से 2015 के बीच नियुक्त किए गए कई शिक्षकों के नियोजन रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। कई नियोजन इकाइयों ने संबंधित फोल्डर ही गुम कर दिए हैं, जिससे प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। विभाग ने यह भी कहा कि अदालती आदेश के तहत चल रही निगरानी जांच को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा, चाहे शिक्षक विशिष्ट संवर्ग में शामिल हो चुके हों।

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