खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश में दिव्यांग कोटे से भर्ती हुए 232 शिक्षकों को 13 से 22 जून के मध्य मेडिकल बोर्ड के सामने जांच होगी। अगर ये शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं तो इनके नियोजन को अवैध मानते हुए इन्हे बर्खास्त कर दिया जायेगा।
दरअसल विभाग ने दिव्यांग कोटे से भर्ती हुए इन शिक्षकों को 2016 से 2021 तक कई बार राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं। लेकिन ये शिक्षक जांच में उपस्थित नहीं होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये शिक्षक विकलांगता का फर्जी प्रमाण पत्र लेकर नौकरी कर रहे।
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा हैं की इन शिक्षकों को अंतिम मौका दिया जा रहा हैं। लेकिन ये शिक्षक अंतिम मौके पर भी नहीं आए तो इनके प्रमाणपत्र को रद्द किया जायेगा और इन्हे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया जायेगा।
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