जानें, महिलाओं को क्यों होती हैं प्रतिमाह पीरियड्स की समस्या

साइंस की बात करें तो जब कोई महिला बाल अवस्था से युवा अवस्था में आती हैं तो उसके शरीर में पीरियड्स आना प्रारंभ हो जाते हैं और यह समस्या महिलाओं के शरीर में प्रतिमाह होती हैं। लेकिन लोगों के मन में ये सवाल उत्पन होते हैं की आखिर क्या कारण हैं की महिलाओं को प्रतिमाह पीरियड्स की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। आज इसी संदर्भ में साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे की महिलाओं के शरीर में ऐसा क्या होता हैं जिसके कारण उन्हें प्रतिमाह पीरियड्स की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की महिलाओं को क्यों होती हैं प्रतिमाह पीरियड्स की समस्या।
पीरियड्स, साइंस के अनुसार जब कोई महिला बाल अवस्था से युवा अवस्था में आती हैं तो उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनिक परिवर्तन होते हैं और इस परिवर्तन के कारण महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का निर्माण होना प्रारंभ हो जाता हैं। जिसके कारण महिलाओं के गर्भाशय में अंडे विकास करने लगते हैं। इतना हीं नहीं इस अंडे का एक समय चक्र होता हैं उस चक्र के दौरान अगर इन्हे पुरुषों का शुक्राणु मिल जाएँ तो ये अंडे भूर्ण कर निर्माण कर लेते हैं और जब इन्हे शुक्राणु नहीं मिलता हैं तो ये अंडे प्रतिमाह महिलाओं के जनन अंग के द्वारा शरीर से बाहर आने लगते हैं। जिसे पीरियड्स कहा जाता हैं।
पीरियड्स की यह समस्या दुनिया के सभी महिलाओं को होती हैं और ये समस्या तब तक होती रहती हैं जब तक महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का निर्माण होता रहता हैं। जब इस हार्मोन्स का निर्माण होना महिलाओं के शरीर में रूक जाता हैं तो महिलाओं के गर्भाशय में अंडे बनने की क्रिया भी समाप्त हो जाती हैं। इसके बाद महिलाओं को पीरियड्स की समस्या नहीं होती हैं तथा महिलाओं में माँ बनने की सम्भावना भी ख़त्म हो जाती हैं।

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