साइंस की बात करें तो इस दुनिया में बहुत से पुरुष और महिलाएं ऐसे हैं जो कभी कभी अपने सपने में शारीरिक संबंध बनाते हैं। ऐसा ज्यादा तर उन महिला और पुरुष के साथ होता हैं जो 20 से 25 साल की उम्र के होते हैं। मेडिकल साइंस के डॉक्टरों का यह कहना हैं की यह एक मानसिक बीमारी हैं जो इंसान के दिमाग में उसकी सोच से उत्पन होती हैं। आज इसी संदर्भ में साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे की क्या सपने में शारीरिक संबंध बनाना एक मानसिक बीमारी हैं। साथ हीं साथ ये भी जानने की कोशिश करेंगे की इन बीमारी से इंसान के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की सपने में शारीरिक संबंध बनाना हैं एक मानसिक बीमारी।
एरोटोफोबिया, साइंस के अनुसार वैसे लोग जो सपने में शारीरिक संबंध बनाते हैं वो एरोटोफोबिया नामक बीमारी से ग्रसित होते हैं जो की एक मानसिक बीमारी हैं। इस बीमारी से ग्रसित महिला और पुरुष काल्पनिक रूप से सपने में संबंध बनाते हैं। इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा असर इंसान के दिमाग के हाइपोथैलेमस पर पड़ता हैं। जिससे इंसान के दिमाग में मानसिक कमज़ोरी आ जाती तथा उसमे सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती हैं।
इतना हीं नहीं इस बीमारी से ग्रसित पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी तो महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स की कमी हो जाती हैं। जिसके कारण महिला और पुरुष का शरीर थका थका महसूस करता हैं और शरीर में कमज़ोरी बनी रहती हैं।
इस एरोटोफोबिया बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले महिला और पुरुष को एडल्ट फिल्म देखना छोड़ देनी चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिसमे फाइबर की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती हो। साथ हीं इस बीमारी से बचने के लिए आप डॉक्टर की सहायता भी ले सकते हैं।
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