हेल्थ डेस्क: मेडिकल साइंस की बात करें तो वजाइना की संरचना बहुत ही जटिल होती हैं। समय समय पर इसके साइज में भी बदलाव आता रहता हैं। जिसके बारे में सही महिलाओं को सही जानकारी होनी चाहिए ताकि महिलाएं इसका ख्याल रख सकें। आज इसी विषय में मेडिकल साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे उस समय के बारे में जिस समय में वजाइना का साइज बढ़ जाता हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
प्रसव क्रिया के दौरान :
मेडिकल साइंस के एक अध्ययन के अनुसार जब प्रसव प्रक्रिया सामान्य होती है तो वजाइना का साइज थोड़ा बड़ा हो जाता है। ताकि बच्चा जन्म के दौरान बाहर आ सके। इस बात को इस तरह भी समझा जा सकता है कि प्रसव के दौरान वजाइना थोड़ी फैल जाती है।
संबंध के दौरान :
यूनिवर्सिटी और जुरिक के शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च को करने के बाद खुलासा किया था की संबंध के दौरान जब वजाइना में इरेक्शन आता हैं तब वजाइना के साइज में वृद्धि होने लगती हैं। लेकिन इसकी साइज बाहर नहीं बल्कि अंदर की ओर बढ़ती हैं। यह एक नेचुरल प्रक्रिया हैं जो लगभग सभी महिलाओं के शरीर में होती हैं।
पीरियड्स के दौरान :
एक स्टडी के मुताबिक, पीरियड्स के समय वजाइना के साइज में बदलाव होता हैं। ये बदलाव महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता हैं। क्यों की इस दौरान महिलाओं को पीरियड्स होने में आसानी होती हैं। हालांकि कुछ डॉक्टरों का ये भी कहना हैं की पीरियड्स के समय महिलाओं के वजाइना में सूजन आ जाता हैं। जिसके कारण वजाइना के साइज में बदलाव होता हैं। महिलाओं को इसके बारे में सही जानकारी होनी चाहिए और अगर किसी प्रकार की परेशानी दिखे तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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