हेल्थ डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हर साल दुनियाभर में सेक्शुअल ट्रांसफिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) से 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं। यह रोग भारत में भी तेजी के साथ फ़ैल रहा हैं। अभी वर्तमान समय में एक आंकड़े के अनुसार भारत में यौन जनित संक्रमण से हर साल 3 करोड़ से लेकर 3.5 करोड़ लोग ग्रसित होते हैं। जो एक चिंता का विषय हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे इस बीमारी के बारे में ताकि लोगों को इसके बारे में सही जानकारी मिल सके।
एसटीडी की बीमारी।
यह बीमारी यौन संबंधों के दौरान होने वाले संक्रमण से होती है। यानी की शारीरिक संबंध बनाने के दौरान यौन रोग, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। इससे शरीर में कई तरह की परेशानियां उत्पन हो जाती हैं तथा महिला और पुरुष दोनों अस्वस्थ रहने लगते हैं।
डॉक्टरों की मानों तो असुरक्षित यौन संबंध और अशिक्षा का अभाव यौन रोगों की सबसे बड़ी वजह बनते हैं। स्त्रियों और पुरुषों में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज़ यानी यौन रोगों के लक्षण अलग-अलग होते हैं। इसके बारे में सभी कपल को सही जानकारी होनी चाहिए ताकि कपल खुद का ख्याल रख सके।
पुरुषों में यौन रोगों के लक्षण।
अगर किसी पुरुष में एसटीडी की समस्या होती हैं तो पुरुषों को पेशाब के दौरान दर्द होने, लिंग में सूजन, दाने और खुजली के संकेत दिखाई देने लगते हैं। इसके अलावा पुरुषों के अंडकोष में घाव और चकते होना भी एसटीडी के लक्षणों में शामिल हैं। ऐसा संकेत मिलने पर पुरुषों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि इस समस्या से छुटकारा मिल सके।
महिलाओं में यौन रोगों के लक्षण।
महिलाओं में यौन रोग होने पर उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के दौरान असहजता, पेशाब में दर्द, जलन और सूजन के तौर पर दिखाई देते हैं। योनी के आसपास घाव, चकते और दाने भी यौन संक्रमित बीमारियों के लक्षण होते हैं। ऐसी समस्या होने पर महिलाएं इसे नजरअंदाज करने की भूल बिल्कुल ना करें और तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लें ताकि इस समस्या से छुटकारा मिल सके।
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