न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में सही जानकारी नहीं होने के कारण लोग अपने करीब के रिश्तेदारों में शादी कर लेते हैं। लेकिन मेडिकल साइंस की बात करें तो ऐसे लोगों से शादी करना काफी नुकसान पहुंचा सकता हैं। जिससे आने वाले पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ सकता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे विस्तार से।
यूएसए के यूनीवर्सिटी ऑफ अलबामा मेडिसिन एवं कार्डियोवैसक्यूलर डिसीज के डायरेक्टर डॉ. नवीन चंदा ने अपने शोध में पाया कि खून के रिश्ते में शादी से पैदा हुए बच्चों में 12 फीसदी जन्मजात हृदय रोगी होते हैं। इसलिए नजदीक के करीबी रिश्तों में शादी नहीं करना चाहिए।
डॉक्टरों के अनुसार रक्त संबंध वाले पति-पत्नी के बच्चे जन्मजात बीमारी से ग्रस्त होते हैं। इनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होती हैं। साथ ही साथ इनमे कई तरह के बीमारी होने के चांस होते हैं। इसलिए करीबी रिलेशन में शादी को ना करना ही बेहतर हैं।
रक्त संबंधी पति-पत्नी के क्रोमोसोम के टकराने से बच्चों के हृदय तक आघात पहुंचता है। इससे दिल की बीमारियां पैदा होती हैं। पांच से आठ फीसदी बच्चों के वाल्व में जन्मजात छेद होते हैं। इसलिए सभी व्यक्ति को इसके बारे में सही जानकारी होनी चाहिए।
डॉ. नंदा ने बताया कि ईकोकार्डियोग्राफी से वाल्व की सिकुड़न और छेद का उपचार संभव है। प्रौब के जरिए हृदय में साउंड रेज से संक्रमित क्षेत्र और वाल्व में छेद की सटीक जानकारी हासिल होती है। लेकिन फिर भी अगर कोई कपल शादी की प्लानिंग कर रहे हैं तो उनके लिए करीबी रिलेशन में शादी करना ठीक नहीं हैं। वो जितना दूर में शादी करेंगे वो उतना ही बेहतर हैं।
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