परमाणु परीक्षण का नाम स्माइलिंग बुद्धा क्यों पड़ा, पढ़िए एक रिपोट?

न्यूज डेस्क: भारत ने जब पहली बार परमाणु परीक्षण किया था तो इस ऑपरेशन का नाम स्माइलिंग बुद्धा था। आज इसी विषय में एक रिपोट के मुताबिक जानने की कोशिश करेंगे की भारत ने इस परमाणु परीक्षण का नाम स्माइलिंग बुद्धा क्यों रखा था।

एक रिपोट की मानें तो भारत ने जिस दिन परमाणु परीक्षण किया था उस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ रही थी। इसको ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने इस ऑपरेशन का नाम स्माइलिंग बुद्धा रखने का सुझाव दिया और मिसाइल पर स्माइलिंग बुद्धा का फोटो भी बनाया गया था। 

इस नाम के द्वारा भारत पूरी दुनिया को ये सन्देश देना चाहता था की वो ये परमाणु परीक्षण किसी देश पर हमला करने के लिए नहीं बल्कि शांति के लिए किया हैं। आपको बता दें की इस परमाणु परीक्षण टीम में 75 वैज्ञानिक शामिल थे। सुबह आठ बज कर पांच मिनट पर भारत ने अपने पहले परमाणु बम पोकरण का सफल टेस्ट कर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया था। 

खबर के मुताबिक भारत के इस परमाणु बम की गोलाई करीब 1.2 मीटर थी और वजन 1400 किलोग्राम था। इसकी वास्तविक विस्फोटक शक्ति 8 से 12 किलोटन टीएनटी थी। इस परीक्षण के बाद भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस की श्रेणी में शामिल हो गया था।

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