हेल्थ डेस्क: मेडिकल साइंस की बात करें तो असुरक्षित यौन संबंध इंसान के लिए बहुत खतरनाक होता हैं। इससे शरीर में कई तरह के जीवाणु जन्म ले लेते हैं जो इंसान को बीमार बना देता हैं। इससे कई बार इंसान की सेहत इतनी ख़राब हो जाती हैं की इंसान का बचना नामुमकिन हो जाता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे उस बीमारी के बारे में जो बीमारी असुरक्षित यौन संबंध से इंसान के शरीर में फ़ैल रही हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
सिफलिस की बीमारी :
मेडिकल साइंस के अनुसार आपको बता दें की यह एक यौन संचरित संक्रमण है जो जीवाणु ट्रेपोनिमा पैलिडम उप-प्रजाति पल्लीडियम के कारण होता है।सिफलिस बीमारी यौन क्रिया के माध्यम से सबसे अधिक फैलती है। जिससे इंसान की सेहत ख़राब हो जाती हैं। इस बीमारी को किसी भी पैथोलॉजी या स्वास्थ्य क्लिनिक में किए गए रक्त परीक्षण से आसानी से पता लगाया जा सकता है।
सिफलिस बीमारी के संकेत :
1 .सिफलिस होने पर इंसान के शरीर में एक या अधिक घावों का विकास होता है। घाव आमतौर पर छोटे दर्द रहित अल्सर होते हैं। वे जननांगों पर या मुंह के आसपास कहीं भी संपर्क में आने के बाद 10-90 दिनों के बीच होते हैं। ये संकेत दिखाई दे तो आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
2 .आपको बता दें की सिफलिस से पीड़ित लोगों को हथेलियों और पैरों के तलवों पर एक गुलाबी दाने होने लगते हैं। कमर पर मस्सा, मुंह के अंदर सफेद पैच, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन, बुखार, और वजन कम होने लगता है। ये संकेत सिफलिस बीमारी के होते हैं।
सिफलिस का इलाज :
अगर किसी व्यक्ति को एक वर्ष से कम समय में सिफलिस की बीमारी हैं। तो आमतौर पर इस संक्रमण को नष्ट करने के लिए पेनिसिलिन की एक खुराक पर्याप्त होती है। जिन लोगों को पेनिसिलिन से एलर्जी है उन्हें इससे छुटकारा पाने के लिए टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन या अन्य एंटीबायोटिक दिया जा सकता है।
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