Science News: मेडिकल साइंस के अनुसार जानें क्या है कोरोना वायरस?

न्यूज डेस्क: मेडिकल साइंस के अनुसार कोरोना वायरस भी कोई जिंदा जीव नहीं है, लेकिन एक प्रोटीन मॉलीक्यूल (आरएनए) है. इसका आकार आंख की एक आईलैश की चौड़ाई के एक हज़ारवें हिस्से जितना है.
जब यह आंख या नाक के रास्ते शरीर में पहुंचता है तो जहां जमा होता है वहीं के सेल (कोशिका) में जेनेटिक कोड को बदल देता है. इसके बाद वो इन्हें आक्रामक और मल्टीप्लायर सेल्स में तब्दील कर देता है.

शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ़ पैदा कर सकता है. इसका पहला हमला गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है. इसके बाद ये सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है. यहां ये एक तरह की "कोरोना वायरस फैक्ट्रियां" बनाता है. यानी यहां अपनी संख्या बढ़ाता है.

नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं. शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते. हालांकि कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

वैज्ञानिक बताते हैं कि इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड करीब 14 दिनों का है. लेकिन ये भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है. औसतन ये पाँच दिन का होता है.

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