दुनियाभर में किन दवाओं से हो रहा है कोरोना का इलाज, जानिए सही जानकारी?

न्यूज डेस्क: कोरोना वायरस  (coronavirus) का वैश्विक आंकड़ा अब तक 6 लाख 14 हजार पार कर चुका है. चीन (China) और इटली (Italy) के बाद अमेरिका (America) जैसी महाशक्ति इस वायरस का केंद्र बन चुकी है. जहां एक तरफ जांच और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है तो हर देश में डॉक्टर अलग-अलग तरीकों से इसका इलाज की कोशिश में लगे हैं. जानते हैं, कौन से देश कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए कौन सी दवाएं इस्तेमाल कर रहे हैं.
इटली और फ्रांस में डॉक्टर इलाज के लिए Hydroxychloroquine दवा पर भरोसा कर रहे हैं. ये दवा असल में मलेरिया के इलाज की दवा क्लोरोक्वीन का माइल्ड रूप है. हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि ये दवा इस नए वायरस पर कितनी असरदार है. वैसे फ्रांस और इटली के अलावा कई अमेरिकी स्टेट्स में भी इसे आजमाया जा रहा है. चीन और दक्षिण कोरिया में भी कुछ मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया.

National Institute of Allergy and Infectious Diseases के डायरेक्टर Dr. Anthony Fauci से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि फिलहाल इस बारे में कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है कि ये दवा कोरोना के मामले में कितनी असरदार हो सकती है. दुनियाभर में बड़ी संख्या में मरीजों पर hydroxychloroquine दवा के कम से कम 6 क्लिनिकल ट्रायल किए जाने की योजना बनाई जा रही है. वहीं भारत समेत ज्यादातर देशों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग पैरासिटामोल का उपयोग हो रहा है.

WHO ने शुरू किया दवाओं का ट्रायल
तमाम खोजों के बीच WHO ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फिलहाल तक के सबसे प्रभावी ड्रग्स जैसे एंटी-मलेरिया दवाएं, एक एंटी-वायरल ड्रग Remdesivir और HIV ड्रग्स (Lopinavir और Ritonavir) के कंबीनेशन के साथ sclerosis बीमारी के इलाज में काम आने वाली दवाओं का ट्रायल करने की ठानी है. ये ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल है जो नॉर्वे और स्पेन में किया जा रहा है. 27 मार्च को WHO ने इस ट्रायल की घोषणा की. ये जानकारी डायरेक्टर जनरल Tedros Adhanom Ghebreyesus ने जिनेवा में देते हुए कहा कि फिलहाल दुनिया के तमाम देशों में इस रहस्यमयी वायरस के इलाज में इन्हीं चारों दवाओं को सबसे असरदार माना गया है. WHO ने बिना किसी खास दवा का नाम लिए बाकी देशों से ये भी कहा कि फिलहाल इन आजमाई जा चुकी दवाओं के अलावा कोई भी दूसरी दवा ट्राय न की जाए.

वैक्सीन ट्रायल भी शुरू
इसी बीच National Institute of Allergy and Infectious Diseases की देखरेख में कोविड-19 के वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. वैक्सीन को mRNA-1273 नाम दिया गया है. टेस्ट के पहले चरण का मकसद ये देखना है कि इंसानी शरीर पर ये टीका कैसी प्रतिक्रिया करता है. ये जानने में लगभग 3 महीने लग सकते हैं कि टीका कितना सुरक्षित है या फिर कितना प्रभावी है. ट्रायल के लिए सिएटल को चुना गया है. ओपन लेवल ट्रायल के पहले दौर में 45 लोग लिए जा रहे हैं. बता दें कि ये 45 लोग केवल वालंटरी ढंग से इस ट्रायल में शामिल हुए हैं और 18 से 55 साल की उम्र के बीच के ये लोग हर तरह से स्वस्थ हैं. इसके बाद बड़े स्तर पर ट्रायल होगा, जिसमें सैकड़ों मरीजों को शामिल किया जाएगा.

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