चीन से कोरोना टेस्टिंग किट नहीं खरीदेगा भारत, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

न्यूज डेस्क: भारत कोविड-19 से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) खरीदेगा। हालांकि इस लिस्ट में टेस्टिंग किट शामिल नहीं होगी जिसमें कुछ देशों ने खामी पाई है। इससे पहले चीन ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर मदद की पेशकश की थी। सरकार खरीदारी के लिए चाइनीज कंपनियों के साथ कमर्शियल डील करेगी। यह खरीद किसी भी ग्रांट इनिशिएटिव का हिस्सा नहीं होगी। सूत्रों ने बताया कि भारत पड़ोसी देश से टेस्टिंग किट नहीं खरीदेगा। चीन ने स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को टेस्टिंग किट सप्लाई की थीं जिन्हें दोषपूर्ण पाया गया है। फिलीपींस ने टेस्टिंग किट के खराब होने की शिकायत की है।
स्पेन की हेल्थ अथॉरिटीज ने पिछले हफ्ते शिकायत की थी कि टेस्ट किट सही तरीके से काम नहीं कर रही हैं जिसके बाद एक चाइनीज कंपनी ने हजारों खराब टेस्टिंग किट बदलने का प्रस्ताव दिया था। स्पेन के स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इल्ला के अनुसार 6,40,000 टेस्टिंग किट की पहली खेप संक्रमित रोगियों की अच्छे से पहचान करने में सक्षम नहीं थी। उन्होंने गुरुवार को 58,000 किट वापस करने का ऐलान किया था। यह चीन के लिए शर्मनाक स्थिति थी जो वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस से खराब हुई छवि को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है।

भारत अर्जेंट बेसिस पर चीन से N-95 मास्क और वेंटिलेटर जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। चीन से खरीदारी से भारत पर दबाव कम हो सकता है क्योंकि यह महामारी से लड़ने की तैयारी में जुटा है। एन-95 मास्क और PPE के उत्पादन को बड़े पैमाने पर झटका लगा है क्योंकि इन्हें बनाने के लिए जरूरी कंपोनेंट चीन और दक्षिण कोरिया से आयात किए जाते हैं। कोविड -19 के प्रकोप के बाद दोनों देशों की सप्लाई चेन अस्तव्यस्त हो गई थी। भारत स्वदेशी उपायों पर जोर दे रहा है और इंडियन मैन्युफैक्चरर्स को उपलब्ध कंपोनेंट के सहारे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है लेकिन इंपोर्टेड कंपोनेट्स पर निर्भरता काफी अधिक है।

पिछले मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दोनों देशों पर कोरोना वायरस के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए फोन पर बात की थी। इस दौरान वांग ने भारत से वायरस को ‘चाइनीज वायरस’ के रूप में प्रचारित नहीं करने का आग्रह किया क्योंकि इससे दुनिया में चीन की छवि खराब होगी।

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