चीन के बाद पाकिस्तान बना Corona का केंद्र, चारों ओर हाहाकार

न्यूज डेस्क: पाकिस्तान से कोराना वायरस फैलने का खतरा इस वजह से भी बेहद ज्यादा है कि पाकिस्तान सरकार कट्टरपंथियों के दवाब के चलते मस्जिदों को बंद नहीं करा पा रही है. हर  शुक्रवार को जुमे की होने वाली नमाज के दौरान पाकिस्तान की लाखों मस्जिदों में भारी भीड़ होती है और ऐसे में तेज़ी से फैल रहे  कोरोना वायरस को रोक पाना पाकिस्तान के लिए नामुमकिन हो सकता है. 
पिछले शुक्रवार को इस्लामाबाद के फैसल मस्जिद में भी लाखों लोगों ने एक साथ नमाज पढ़ी. पाकिस्तान के कट्टरपंथी लगातार लोगों से मस्जिदों में आकर नमाज़ पढ़ने को कह रहे हैं और लाउडस्पीकर से बाकायदा  लोगों को बताया जा रहा है ये कि पाकिस्तान की मस्जिदें नमाज के लिए खुली रहेंगी. देखा जाए तो ईरान और सउदी अरब जैसे देशों ने सभी को घर पर ही नमाज पढ़ने की सलाह दी है और सभी मस्जिदों पर ताला लगा दिया है जिससे कोराना वायरस से निपटा जा सके लेकिन पाकिस्तान में ठीक इसके उलट है

पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के देशों के सामने जहां एक तरफ तबलीगी जमात के हुए कार्यक्रम से कोरोना का खतरा है वहीं ईरान से लौटे पाकिस्तानी भी अपने देश में कोराना के खतरे मे इजाफा कर रहे हैं. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोना के जो 892 मामले सामने आये हैं उनमें 78 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो ईरान से वापस लौटे हैं. ईरान से आये कोरोना वायरस के मरीज़ पाकिस्तान के अलग अलग प्रांतो से हैं जिनमें सिंध के 399, पंजाब के 249, ब्लूचिस्तान के 110, गिलिगत-बालटिस्तान के 80 ,खैबर पखतुनख्वाह के 38 और इस्लामाबाद के 15 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं .

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट (स्वास्थ्य) डा जफर मिर्जा ने टीवी पर दिये एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान में जिन कोरोना के 892 मामलों  की पुष्टि हुई है उन्होनें ईरान की यात्रा की हुई है.

0 comments:

Post a Comment