साइंस की बात करें तो इस दुनिया में बहुत से लोग अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह होता हैं की गर्भनिरोधक गोलियों में ऐसा क्या पाया जाता हैं की कोई भी महिला संबंध बनाने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पाती हैं और वो माँ बनने से बच जाती हैं। आज इसी संदर्भ में साइंस के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में। जिससे महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से महिलाएं क्यों नहीं हो पाती गर्भवती।
1 .साइंस के अनुसार एक महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दो प्रकार के हार्मोन्स होते हैं जो महिलाओं के गर्भाधान में सहायक होते हैं। लेकिन गर्भनिरोधक गोलियों में सिर्फ और सिर्फ एस्ट्रोजन की मात्रा होती हैं। इसके सेवन से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती हैं। जिसके कारण महिलाओं में ओवुलेशन की क्रिया नहीं हो पाती हैं और अंडे का निर्माण भी रूक जाता हैं। इसलिए गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं।
2 .दरअसल गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं के सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा कर देता हैं जिसके कारण पुरुषों के शुक्राणु महिलाओं के अंडे से संपर्क करने में विफल हो जाते हैं और महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। ये प्रक्रिया उन महिलाओं में होता हैं जो गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल संबंध बनाने से पहले करती हैं। लेकिन कभी कभी इस गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल खतरनाक भी साबित होता हैं जिससे भविष्य में महिलाएं चाहते हुए भी गर्भवती नहीं हो पाती हैं।
3 .साइंस के अनुसार वैसी महिलाएं जो संबंध बनाने के बाद गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। उनके शरीर में यह गर्भनिरोधक गोलियां एंडोमेट्रियम पर काम करता हैं। इस प्रक्रिया में अगर अंडा महिलाओं के शरीर में भूर्ण का निर्माण कर भी लेती हैं तो ये एंडोमेट्रियम के साथ चिपक नहीं पाती हैं और महिला का वो भूर्ण ख़राब हो जाता हैं और महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। यह प्रक्रिया आज के समय में अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने के लिए सबसे तेजी के साथ इस्तेमाल की जा रही हैं।
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