नई दिल्ली: आज के वर्तमान समय में पूरी दुनिया साइंस और टेक्नोलॉजी के पीछे भाग रही हैं। इसमें भारत भी किसी देश से कम नहीं हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे कुछ ऐसे भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जिसने पूरी दुनिया में भारत की छवि को एक अगल पहचान दिलाया। जो हर भारतियों के लिए गर्व का विषय हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
डॉ जगदीश चंद्र बोस:
डॉ. जगदीशचंद्र बोस को भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहन ज्ञान था। वे दुनिया के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्होंंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। इसके अलावा वनस्पति विज्ञान में भी उन्होनें कई महत्वपूर्ण खोजें की। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे, जिन्हें अमेरिकी पेटेंट मिला। आज के समय में पूरी दुनिया में उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता कहता हैं। जो हर भारतीय के लिए एक गर्व का विषय हैं।
सत्येन्द्र नाथ बोस :
इस महान भारतीय वैज्ञानिक की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भौतिक शास्त्र में बोसान और फर्मियान नाम के दो अणुओं में से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही है। उन्होंने अपने समय के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन के साथ मिलकर बोस-आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स की खोज की। ये विज्ञान के छेत्र में दुनिया से सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थे।
वेंकटरामन रामकृष्णन :
भारतीय मूल के वेंकटरामन रामकृष्णन को साल 2009 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्का्र दिया गया। रामन को यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए दिया गया।
हरगोविंद खुराना :
भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. हरगोबिंद खुराना को 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। उन्होंने आनुवांशिक कोड (डीएनए) की व्याख्या की और उसका अनुसंधान किया। ये दुनिया में महान वैज्ञानिकों में से ये थे।
सीवी रमन :
सीवी रमन को 1930 में उन्हें भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। वेंकटरमन ने प्रकाश पर गहन अध्ययन किया। उनके अविष्कार को रमन-किरण के रूप में जाना गया। रामन प्रभाव स्पेक्ट्रम पदार्थों को पहचानने और उनकी अन्तरंग परमाणु योजना का ज्ञान प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन के रूप में जाना गया। इन्होने पूरी दुनिया भारत की छवि को एक नई पहचान दिलाई।
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