इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही हैं की प्रमंडलीय आयुक्त या राज्य सरकार द्वारा पद से हटाए गए मुखिया या उप मुखिया पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। बिहार के वो सभी मुखिया जिन्हे भ्रष्टाचार में हटाए गए हैं। वो पंचायत चुनाव में नामांकन नहीं कर सकेंगे।
बता दें की बिहार के मुखिया या उप मुखिया को शक्तियों के दुरुपयोग या दुराचार का दोषी पाया गया हैं। वो पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। अगर मुखिया नामांकन पत्र दाखिल करते हैं तो उनका नामांकन पत्र अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
खबर के अनुसार राज्य चुनाव आयोग ने इस सन्दर्भ में सभी जिले के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिया हैं तथा इस बात का ख्याल रखने को कहा हैं। आयोग के इस आदेश के बाद बिहार के कई मुखिया और उप मुखिया की टेंशन बढ़ गई हैं।

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