संजीवनी बूटी से कम नहीं है तिल का पौधा, जानें इसके फायदे

आयुर्वेदिक विज्ञान की बात करें तो तिल का पौधा किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं हैं। इसके सेवन से शरीर की कई बीमारियां दूर हो जाती हैं और इंसान का शरीर स्वस्थ रहता हैं। साथ ही साथ इसके सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण होने के चांस कम जाते हैं। आज इसी विषय में आयुर्वेद के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे तिल के पौधा के फायदे के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
तिल के पौधे के फायदे। 
आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के दांत कमजोर कमजोर हैं या मसूड़ों की समस्या हैं तो इन समस्या में तिल लाभकारी है। सुबह के समय 2 से 3 तिल के पत्ते को लेकर मुंह में रखकर खूब चबाएं और निगल लें।  रोजाना ऐसा 2 से 3 बार करें। आप सभी तरह के दांतों के रोगों से मुक्ति पा लेंगे। साथ ही साथ मुंह से बदबू आने की समस्या भी दूर हो जाएगी। 

रोजाना तिल चबाकर निगलने से मसूड़े हेल्दी हो जाएंगे और दांत मजबूत हो जाएंगे। साथ ही साथ पेट में कब्ज और गैस की समस्या नहीं होगी और शरीर का पाचन तंत्र भी मजबूत रहेगा। इससे कई बीमारियां दूर रहेगी। 

तिल का पौधा सिर्फ दांतों के लिए ही नहीं बल्कि आंखों के लिए भी फायदेमंद है। इससे आंखों में संक्रमण होने के चांस कम जाते हैं तथा रेटिना की कार्य प्रणाली अच्छी रहती हैं। 

तिल का प्रयोग करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। सर्दियों में तिल के फूलों पर पड़ने वाली ओस की बूंदों को आंखों में डालें। इन ओस की बूंदों को आप शीशे की बोतल में भी रखकर जब भी आंखों में कोई समस्या लगे तो इन बूंदों को आंख में डाल लें। इससे आपने आंखों की रोशनी अच्छी रहेगी। 

तिल का पौधा बवासीर, कब्ज और थायराइड में भी लाभकारी साबित होता हैं। इससे शरीर में बीमारी होने के चांस कम जाते हैं। साथ ही साथ इससे इंसान की सेहत अच्छी रहती हैं। इसलिए आयुर्वेद में इसे संजीवनी बूटी माना गया हैं। 

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