यूपी चतुर्थ श्रेणी भर्ती में 12वीं नहीं, अब 10वीं पास होंगे पात्र!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में एक बड़ा बदलाव किया है, जो कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अब तक उत्तर प्रदेश के एडेड इंटर कॉलेजों में आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट (12वीं) थी, लेकिन हाल ही में राज्य मंत्री गुलाब देवी ने विधान परिषद में यह ऐलान किया कि इस शैक्षिक अर्हता को घटाकर हाईस्कूल (10वीं) कर दिया जाएगा।

यह बदलाव विशेष रूप से सफाईकर्मियों के लिए लागू होगा, जिनकी भर्ती अब तक इंटरमीडिएट पास उम्मीदवारों से की जा रही थी। गुलाब देवी के मुताबिक, यह निर्णय सरकार ने कार्यस्थल पर सफाईकर्मियों के लिए शैक्षिक अर्हता को आसान बनाने के लिए लिया है, ताकि अधिक से अधिक उम्मीदवारों के लिए यह अवसर उपलब्ध हो सके।

शैक्षिक अर्हता का महत्व

यह परिवर्तन यह दर्शाता है कि राज्य सरकार सरकारी नौकरी के लिए शैक्षिक अर्हताओं को लचीला बना रही है, ताकि कुछ ऐसे वर्ग जिनके पास उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर नहीं होते, वे भी सरकारी नौकरी पा सकें। गुलाब देवी का कहना है कि आजकल लगभग सभी लोग हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं, जबकि पहले लोग अधिकतर अशिक्षित रहते थे।

यद्यपि यह कदम आमतौर पर सकारात्मक नजर आ सकता है, लेकिन इस पर विरोध भी सामने आया है। विधान परिषद में निर्दल समूह के सदस्य राज बहादुर सिंह चंदेल और शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इसे आलोचना का विषय बनाया। 

उनका कहना था कि सफाई कर्मियों के लिए किसी प्रकार की शैक्षिक अर्हता की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह केवल एक शारीरिक श्रम का कार्य है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और कर्मचारियों का शोषण भी हो सकता है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है, जो इस प्रकार की भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करता है।

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