नया शुल्क ढांचा और उसके प्रभाव
गोरखपुर में प्रस्तावित शुल्क संरचना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका असर आम नागरिकों पर पड़ सकता है। अधिकारी और कर्मचारी इस पर विचार कर रहे हैं कि कहां-कहां और कितना स्टॉम्प शुल्क बढ़ाना चाहिए। जहां ज्यादा शुल्क बढ़ाया गया है, उसे कम करने का भी विचार किया जा रहा है। एक बार प्रस्तावित दरें जिला प्रशासन द्वारा मंजूरी पा लेने के बाद, ये शुल्क बढ़ोतरी तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएंगे।
फ्लैट और प्लॉट की रजिस्ट्री महंगी
नए सामान्य निर्देश के लागू होने पर, फ्लैट और प्लॉट खरीदने वालों को सबसे अधिक महंगाई का सामना करना पड़ेगा। विशेष रूप से उन संपत्तियों पर, जिनकी सीमाओं में एक से अधिक मार्ग होते हैं, उनकी न्यूनतम मूल्य की गणना में 20 प्रतिशत का इजाफा किया जाएगा। वर्तमान में यह दर 10 प्रतिशत है। इसके अलावा, 12 मीटर से अधिक चौड़े मार्ग के किनारे स्थित भूमि पर शुल्क 30 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जो वर्तमान में 20 प्रतिशत है। इसका मतलब यह है कि जिन जगहों पर ज्यादा विकास हुआ है, वहां भूमि की कीमत और रजिस्ट्री शुल्क भी बढ़ेगा।
कृषि भूमि पर भी बढ़ेगा शुल्क
इसके अलावा, नगरीय अर्द्धनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के अंतरण की स्थिति में, विशेष रूप से 50 मीटर की त्रिज्या में प्लॉटिंग और कॉलोनाइजेशन के काम होने पर, कृषि भूमि दर से 60 प्रतिशत अधिक शुल्क जमा किया जाएगा। अभी यह दर 50 प्रतिशत है। यह कदम मुख्य रूप से उन क्षेत्रों के लिए है जहां भूमि का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जा रहा है और जहां से किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद कम मुआवजा मिलता है।
सर्किल रेट में बढ़ोतरी की मांग
दरअसल गोरखपुर में सर्किल रेट में आखिरी बार 2016 में बदलाव किया गया था। इसके बाद से सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि इससे पहले 2014 और 2015 में सर्किल रेट में बदलाव किए गए थे। कुछ किसान, विशेषकर भटहट क्षेत्र के वे किसान जिनकी ज़मीन रिंग रोड परियोजना से प्रभावित हो रही है, सर्किल रेट में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment