बता दें की इन इकाइयों से कुल 3300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से 2754 मेगावाट बिजली विशेष रूप से उत्तर प्रदेश को प्रदान की जाएगी। इस विकास के परिणामस्वरूप राज्य में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे बाधारहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी और राज्य के बिजली संकट को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश में बिजली संकट का समाधान
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में बिजली की मांग हमेशा ऊंची रहती है, खासकर गर्मी के मौसम में। अधिकतर समय, राज्य को पावर एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती थी, जिससे विद्युत आपूर्ति की लागत बढ़ जाती थी और बिजली के उपभोक्ताओं को उच्च दरों पर भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब इन नई तापीय इकाइयों के चालू होने से राज्य को इस समस्या से राहत मिलेगी। राज्य की बिजली आपूर्ति में वृद्धि होने से यह महंगी दरों पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और ऊर्जा लागत कम होगी।
नई इकाइयों की संरचना और उत्पादन क्षमता
इन पांच नई तापीय विद्युत उत्पादन इकाइयों का निर्माण विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है, जिनमें हर इकाई की क्षमता 660 मेगावाट है। इन इकाइयों का परिचालन क्रमशः 2025 के शुरुआती महीनों में शुरू होने वाला है, जिससे धीरे-धीरे उत्पादन में वृद्धि होगी और राज्य में ऊर्जा आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित होगी।
1 .जवाहरपुर इकाई (660 मेगावाट) - यह इकाई मार्च 2025 से उत्पादन शुरू कर देगी, जिससे राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
2 .पनकी इकाई (660 मेगावाट) - यह इकाई अप्रैल 2025 से चालू हो जाएगी और राज्य को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करेगी।
3 .ओबरा-सी इकाई (660 मेगावाट) - मई 2025 से यह इकाई राज्य को बिजली की अतिरिक्त आपूर्ति देगी। इसकी तैयारी चल रही हैं।
4 .घाटमपुर इकाई (660 मेगावाट) - जून 2025 से इस इकाई से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा, जिससे राज्य की विद्युत आपूर्ति में और बढ़ोतरी होगी।
5 .खुर्जा इकाई (660 मेगावाट) - जून 2025 में इस इकाई से भी बिजली उत्पादन शुरू होगा। इसकी तैयारी तेजी से की जा रही हैं
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