क्या है डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र?
जीवन प्रमाण पत्र वह दस्तावेज़ है जिसे पेंशनभोगी को यह प्रमाणित करने के लिए प्रस्तुत करना होता है कि वह जीवित हैं, ताकि उनकी पेंशन की प्रक्रिया जारी रखी जा सके। अक्सर, पेंशनभोगियों को यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्यालयों में जाना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासकर वृद्ध पेंशनभोगियों को। अब भारतीय डाक विभाग ने इस प्रक्रिया को और सरल और सुविधाजनक बना दिया है।
कैसे होगा यह काम?
इस सेवा का उपयोग करने के लिए पेंशनभोगियों को अपने आधार नंबर और पेंशन का विवरण देना होगा। इसके बाद नजदीकी डाकघर से संपर्क किया जा सकता है या फिर पेंशनभोगी अपने क्षेत्र के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से भी इस सेवा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। डाकिया पेंशनभोगी के पते पर जाकर आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया घर बैठे ही पूरी हो जाएगी, जिससे पेंशनभोगियों को कार्यालयों तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस सेवा का लाभ
इस सेवा का सबसे बड़ा लाभ उन पेंशनभोगियों को होगा जिनके लिए कार्यालयों तक जाना एक कठिन कार्य हो सकता है, जैसे कि वृद्ध पेंशनभोगी, या वो लोग जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं। इसके अलावा, यह सेवा पेंशनभोगियों के लिए सरल और सुविधाजनक है, और उनकी जीवनशैली में भी मददगार साबित होती है। अब उन्हें पेंशन संबंधी सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए किसी भी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है।
सेवा शुल्क और प्रमाण पत्र की प्राप्ति
इस सेवा का लाभ लेने के लिए पेंशनभोगियों को मात्र 70 रुपये का शुल्क देना होगा। सेवा शुल्क के बावजूद यह सेवा पेंशनभोगियों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि यह उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने की परेशानी से बचाती है। प्रमाण पत्र बनने के बाद पेंशनभोगी को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा, जिससे उन्हें इस प्रक्रिया की सफलता का पता चल सकेगा।
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