पीरपैंती में नया निवेश:
बिहार में निजी क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होने जा रहा है। पीरपैंती में प्रस्तावित यह थर्मल पावर स्टेशन बिहार राज्य के बिजली उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ऊर्जा नीति का परिणाम है, जिसमें राज्य में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
बिजली दरों में कमी और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति:
इस थर्मल पावर स्टेशन के बन जाने से बिहार के लोगों को न केवल सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। ऊर्जा मंत्री बिजेेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद राज्य में बिजली की दरों में कमी आएगी और बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही राज्य के औद्योगिकीकरण को भी एक नया रुख मिलेगा, क्योंकि बिजली की आपूर्ति के साथ उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा बिहार:
यह परियोजना बिहार को निवेशकों के लिए एक आकर्षक केंद्र बना देगी। राज्य सरकार ने बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है, ताकि इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। कोल इंडिया लिमिटेड के तहत कोल लिंकेज प्रस्तावित है, और इस परियोजना के लिए 1020.60 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी किया जा चुका है।
एक बड़ा कदम बिहार के औद्योगिकीकरण की ओर:
इस पावर प्लांट के निर्माण से बिहार में औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इससे राज्य के कई क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और बिहार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस परियोजना का निविदा प्रबंधन एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया जा रहा है, जो कि इस परियोजना को समय पर और गुणवत्ता के साथ लागू करने की जिम्मेदारी निभाएगा।
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