पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
पश्चिमी विक्षोभ एक ऐसी मौसमी स्थिति है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी होती है, और इसका असर भारत के मैदानी इलाकों में भी दिखता है। इस बार, यह विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय है, जिससे पश्चिमी यूपी के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार, 26 फरवरी से पश्चिमी यूपी के जिलों, जैसे कि मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, और अन्य स्थानों पर बारिश के साथ-साथ गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है, जिससे किसानों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
सर्दी और तापमान में गिरावट
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है, जिसका असर न सिर्फ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर बल्कि तापमान पर भी पड़ेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बारिश के कारण रात में तापमान में गिरावट हो सकती है, और दिन का तापमान भी नीचे जा सकता है। इसके साथ ही, पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद सर्द हवाओं के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के 16 प्रभावित जिले
इस बदलाव से प्रदेश के कई जिलों में बारिश की संभावना है, जिनमें प्रमुख रूप से नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, अमरोहा, बिजनोर, हापुड़, सीतापुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, फर्रुखाबाद, बरेली, और बदायूं शामिल हैं। इन जिलों के निवासियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासकर ओलावृष्टि और वज्रपात के दौरान।
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