2020 दिल्ली चुनाव का परिणाम और 2025 के मुकाबले की स्थिति
2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 53.57% था। हालांकि, इस बार पार्टी को अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान बढ़ते एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर का सामना करना पड़ सकता है, जो उसके लिए चिंता का विषय बन सकता है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के शासनकाल को लेकर कुछ मुद्दों पर सवाल उठ रहे हैं, जिनमें दिल्ली के बुनियादी ढांचे और जनहित के मुद्दे शामिल हैं। यदि पार्टी के वोट शेयर में 6 से 7 फीसदी की कमी आती है, तो इसके सीधे असर सीटों पर पड़ेगा।
AAP और BJP के बीच कांटे की टक्कर
सर्वेक्षणों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को इस बार 36 से 38 सीटों के बीच जीत मिल सकती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी का आंकड़ा 31 से 33 सीटों के बीच रहने का अनुमान है। इसका मतलब यह है कि बीजेपी को भी कुछ सीटों में इजाफा हो सकता है, जबकि AAP को पहले के मुकाबले थोड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि, AAP का नेतृत्व पूरी तरह से चुनावी मैदान में मजबूत नजर आ रहा है, लेकिन 2020 के मुकाबले यह स्थिति कुछ बदल सकती है।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस के लिए दिल्ली विधानसभा चुनावों में कोई खास उम्मीद नहीं जताई जा रही है। पार्टी के हाथ में केवल एक सीट आने का अनुमान है, जो कि दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस के कमजोर होने की ओर इशारा करता है। पार्टी के लिए दिल्ली में वापसी करना अब और भी कठिन होता जा रहा है।
सामान्य तस्वीर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। दिल्ली के मतदाता इस बार ज्यादा सतर्क और जागरूक हैं, और उनके वोट्स पूरी तरह से पार्टी के कामकाज और नीतियों पर आधारित होंगे। दिल्ली में 10 साल से सत्ता में रहने के बाद AAP को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है, वहीं भाजपा अपनी मेहनत और प्रचार-प्रसार से सीटों में इजाफा करने की कोशिश कर रही है।
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