इसके अनुसार, अब प्रधानाचार्य और शिक्षक बिना अनुमति के विद्यालय परिसर नहीं छोड़ सकेंगे। इसके अलावा, यह व्यवस्था शनिवार, रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में भी लागू होगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी शनिवार और रविवार के अलावा अवकाश के दिनों में विद्यालय पहुंचकर सत्यापन करेंगे और यह जांचेंगे कि कोई शिक्षक या प्रधानाचार्य अनुपस्थित तो नहीं है।
अगर किसी शिक्षक या प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति बिना किसी पूर्व सूचना के पाई जाती है, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अंतर्गत वेतन की कटौती भी की जा सकती है। निदेशक कुमार प्रशांत ने यह बताया कि सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को फेस रिकगनेशन सिस्टम को शत प्रतिशत लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल सरकार के द्वारा यह कदम प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि शिक्षक और प्रधानाचार्य विद्यालय में अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से सक्रिय रहें। साथ ही साथ आवासीय विद्यालयों के टीचर समय पर स्कूल में उपस्थित हो सके।
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