न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में भारत की विदेश नीति पूरी दुनिया के देशों के साथ सबसे बेहतर हुयी हैं। इसे देखते हुए इस बात का कयास लगाया जा रहा हैं की क्या पीएम मोदी के बढ़ते कद और भारत की बढ़ती ताकत भारत को UN में वीटो पावर दिला सकता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे एक रिपोट के बारे में।
बीबीसी की एक रिपोट बताती हैं की आजादी के बाद पहली बार भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य 1950-51 में बना था। सुरक्षा परिषद में पी-5 के अलावा 10 अस्थायी सदस्य हैं और सदस्य देश दो वर्षों के लिए इनका चुनाव करते हैं। आजादी के तीन साल बाद ही अस्थायी सदस्य बना भारत अब तक 7 बार सुरक्षा परिषद में शामिल हो चुका है। भारत में जितने भी सरकार आयी। उन सभी ने ये कोशिश की की भारत को UN में स्थायी सदस्य बनाया जाएं। लेकिन आज तक किसी भी सरकार को सफलता नहीं मिली।
आज के समय केन्द्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के लिए भारत को सुरक्षा परिषद में जगह दिलाना प्राथमिकता है। पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने का वादा दर्ज कर रखा है। प्रधानमंत्री मोदी की लगातार विदेश यात्रा भी कुछ इसी तरह के संकेत दे रहें हैं।
चीन को छोड़ दिए जाएं तो आज के समय में दुनिया के सभी बड़े देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाना चाहते हैं। इसमें रूस खुलकर भारत का समर्थन भी करता हैं। कुछ दिन पहले अमेरिका और फ़्रांस ने भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाने की बात कही हैं। अब ये देखना होगा की क्या पीएम मोदी की विदेश नीति रंग लाती हैं। क्या मोदी भारत को UN में वीटो पावर दिला पाते हैं।

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