केंद्रीय बजट में किसानों के लिए 11 बड़ी घोषणा

नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025 में किसानों के लिए 11 अहम घोषणाएँ की गई हैं, जो कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन घोषणाओं का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना है। 

केंद्रीय बजट में किसानों के लिए 11 बड़ी घोषणा

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट में बढ़ोतरी: केंद्रीय बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ते दरों पर ज्यादा ऋण मिलेगा, जो उन्हें खेती के लिए जरूरी संसाधन जुटाने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: इस योजना के तहत देशभर के किसानों को लाभ मिलेगा। 100 जिलों में इस योजना का लाभ मिल सकेगा, जिससे किसानों को अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। यह योजना किसानों को बेहतर कृषि संसाधनों और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।

डेयरी और मछली पालन के लिए लोन: डेयरी और मछली पालन क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 5 लाख रुपये तक के लोन की घोषणा की है। इससे इन क्षेत्रों में नए निवेश और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।

समुद्री उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में कमी: समुद्री उत्पादों की सस्ती उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कस्टम ड्यूटी को 30% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसका फायदा मछली पालन करने वालों को मिलेगा और समुद्री उत्पादों की कीमतें घटेंगी।

पोस्ट पेमेंट बैंक सर्विस में वृद्धि: ग्रामीण इलाकों में भुगतान सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए पोस्ट पेमेंट बैंक की सेवाओं को बढ़ाया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बैंकों के साथ जुड़ने और अपने वित्तीय लेन-देन को आसान बनाने का अवसर मिलेगा।

असम में नया यूरिया प्लांट: असम के नामरूप में नया यूरिया प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो क्षेत्रीय किसानों को यूरिया की सस्ती आपूर्ति करेगा। इससे उर्वरक की कमी को दूर किया जाएगा और कृषि उत्पादन में सुधार होगा।

बिहार के किसानों के लिए मखाना बोर्ड का गठन: बिहार के मखाना उत्पादकों के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिससे मखाना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को सीधे लाभ होगा। इससे मखाना उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सकती है।

मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना: मिथिलांचल क्षेत्र के किसानों के लिए पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की शुरुआत की जाएगी, जिससे 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। इससे सिंचाई की समस्या दूर होगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।

दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन: भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6 साल का मिशन शुरू किया गया है। इस योजना के तहत दालों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत को दालों के आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

कपास उत्पादन के लिए 5 साल की कार्ययोजना: कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 5 साल की कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें प्रोडक्शन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर कीमत पर अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा।

अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा: अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं बनाई हैं। इससे मछली पालन उद्योग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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