केंद्रीय बजट 2025 में बुजुर्गों के लिए 6 बड़ी घोषणा

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2025 के बजट में बुजुर्गों और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। ये घोषणाएं न केवल सीनियर सिटिजंस के जीवन को सरल बनाएंगी, बल्कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ाएंगी। 

केंद्रीय बजट 2025 में बुजुर्गों के लिए 6 बड़ी घोषणा

1. सीनियर सिटिजंस के लिए टैक्स छूट दोगुनी

बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए सरकार ने आयकर छूट सीमा को दोगुना कर दिया है। अब सीनियर सिटिजंस के लिए टैक्स छूट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इससे बुजुर्गों को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी।

2. 36 जीवन रक्षक दवाएं पूरी तरह से टैक्स फ्री

बजट में सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह से टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। इन दवाओं में कैंसर, डायबिटीज, और दिल की बीमारियों से संबंधित दवाएं शामिल हैं। इससे गरीब और मध्य वर्ग के मरीजों को उपचार के खर्च में राहत मिलेगी और उन्हें महंगी दवाओं का अधिक बोझ नहीं सहना पड़ेगा।

3. देश में 200 डे-केयर कैसर सेंटर बनाए जाएंगे

केंद्रीय बजट में एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि देशभर में 200 डे-केयर कैसर सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों का उद्देश्य कैंसर के मरीजों को बेहतर उपचार और देखभाल उपलब्ध कराना है। यह कदम विशेष रूप से कैंसर के मरीजों को राहत देने के लिए उठाया गया है, ताकि उन्हें अस्पतालों में लंबे समय तक रहना न पड़े और वे घर के नजदीक ही उपचार प्राप्त कर सकें।

4. मेडिकल उपकरण और कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी

केंद्र सरकार ने मेडिकल उपकरणों और कैंसर की दवाओं के दाम घटाने का भी निर्णय लिया है। इन वस्तुओं पर टैक्स की दरें घटाई जाएंगी, जिससे अस्पतालों और मरीजों को किफायती इलाज मिल सकेगा। इससे स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सस्ती और सुलभ होंगी।

5 .13 मरीज सहायता कार्यक्रम बेसिक कस्टम ड्यूटी से बाहर

केंद्रीय बजट में 13 मरीज सहायता कार्यक्रमों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से बाहर रखने की घोषणा की गई है। इस पहल का उद्देश्य मरीजों को सस्ती कीमत पर जरूरी दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराना है।

6 .6 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 5% घटाई जाएगी

सरकार ने 6 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी में 5% की कटौती करने की घोषणा की है। इससे इन दवाओं की कीमतें कम होंगी और गरीबों को इनका इलाज सस्ते में मिल सकेगा। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार साबित होगा।

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