यूपी में इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा मार्च महीने का वेतन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत संपत्ति घोषणा की प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों का मार्च महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। इसको लेकर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के द्वारा सभी विभागों को दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं। जिसके अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों को 28 फरवरी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर जमा करना अनिवार्य हैं।

यह कदम सरकार की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार विरोधी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। कर्मचारियों से संपत्ति की जानकारी हासिल करने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या गलत तरीके से संपत्ति अर्जित न करें। खासकर तब जब वे सरकारी पदों पर कार्यरत होते हैं, उनकी संपत्ति का स्रोत और उसका विवरण स्पष्ट होना आवश्यक है।

संपत्ति घोषणा क्या है?

संपत्ति घोषणा एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सरकारी कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत संपत्ति, चल और अचल संपत्ति के बारे में सरकार को जानकारी प्रदान करते हैं। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को रोकने, कर्मचारियों के खिलाफ कोई अनियमितता होने की स्थिति में पारदर्शिता लाने और सार्वजनिक धन के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।

बता दें की यह प्रक्रिया केवल उच्च अधिकारियों के लिए नहीं, बल्कि सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। कर्मचारियों को इस पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा जमा करना होता है, जिसमें भूमि, भवन, वाहन, और बैंक खाता जैसी जानकारी शामिल होती है।

कर्मचारियों के लिए क्या परिणाम हो सकते हैं?

अगर कोई कर्मचारी 28 फरवरी तक संपत्ति का ब्यौरा जमा नहीं करता है, तो राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसका मार्च महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। यह निर्णय कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए लिया गया है ताकि वे समय पर अपने कर्तव्यों को निभाएं और सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें। यह कदम कर्मचारियों के बीच जवाबदेही और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देने के लिए है।

0 comments:

Post a Comment