न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में मोदी सरकार के सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। ये भारत की गिरती अर्थव्यवस्था और एक बेरोजगारी। लेकिन इन सभी चीजों के बाद जानने की कोशिश करेंगे मोदी और मनमोहन सरकार के 5 साल के लेखा जोखा के बारे में की कौन सी साकार कितना बेहतर हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
1-जीडीपी ग्रोथ
मोदी सरकार और पूर्व की मनमोहन सरकार की पहली तुलना जीडीपी वृद्धि दर से की जानी चाहिए। आपको बता दें की वर्ष 2009 से 2014 के बीच अर्थव्यवस्था औसतन 6.7% की दर से बढ़ रही थी। वहीं, मोदी सरकार में भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 से 2019 के बीच 7.5% की दर से बढ़ी है। अभी वर्तमान समय 2020 में जीडीपी ग्रोथ काफी कम हुई हैं।
2 .महंगाई
मोदी और मनमोहन सरकारों के बीच तुलना की जाए तो मंहगाई सबसे अच्छा विकल्प हैं। इस मामले में मोदी सरकार ने अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। 2014 में खुदरा महंगाई की दर 7.72% थी। आज यह दर 2.57% रह गई है।
3 .हाईवे निर्माण
आपको बता दें की हाईवे निर्माण के क्षेत्र में मोदी सरकार ने बाजी मारी है। मनमोहन सरकार के दौरान वर्ष 2009 से 2014 के बीच कुल 20,639 किमी हाईवे का निर्माण हुआ था। वहीं, मोदी सरकार में महज 5 वर्षों में 44,389 किमी हाईवे निर्माण हुआ है।
4 .प्रत्यक्ष कर संग्रह
आपको बता दें की मनमोहन सरकार के 5 वर्षों में प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.53% की दर से बढ़ रहा था। वहीं, मोदी सरकार में प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.85% की दर से बढ़ा। इनकम टैक्स रिटर्न के क्षेत्र में मोदी सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है।

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