भारतीय अर्थव्यवस्था पर कब-कब आई मंदी की चपेट में, पढ़ें पूरी रिपोट

न्यूज डेस्क: आज के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती दिखाई दे रही हैं। इसमें सुधार लाने के लिए देश के वर्तमान सरकार के द्वारा कई तरह के उपाय किए जा रहें हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे की भारतीय अर्थव्यवस्था कब-कब मंदी की चपेट में आई हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
आपको बता दें की साल 1991 और 2008 में भारत आर्थिक मंडी की चपेट में आया था। साल 1991 में आई आर्थिक मंदी के पीछे कई सारे आंतरिक कारण थे। लेकिन 2008 में वैश्विक मंदी के चलते भारत की अर्थव्यस्था पर आंच आई थी। 1991 में भारत के आर्थिक संकट में फंसने की सबसे बड़ी वजह भुगतान संकट था। इस दौरान आयात में भारी कमी आई थी, जिससे देश दो तरफा घाटे में था। जिससे भारत को बड़ी आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा। 

1991 में आए आर्थिक संकट की मुख्य वजह रुपये की कीमत तेजी से घटना, देश का बढ़ता चालू खाता घाटा, निवेशकों का भारत के प्रति घटता भरोसा और रुपये की विनिमय दर में कमी थी। जिसके कारण भारत आर्थिक मंडी की चपेट में आ गया था।

लेकिन 2008 में आई आर्थिक मंदी से भारत की अर्थव्यस्था को उतना नुकसान नही झेलना पड़ा था जितना अन्य देशों के अर्थव्यवस्थाओ को झेलना पड़ा था। 2008 की मंदी के दौरान भारत का व्यापार वैश्विक जगत के साथ व्यापार काफी घट गया था। आर्थिक ग्रोथ घटकर 6 फीसदी से नीचे चली गई थी। फिर धीरे धीरे भारत के अर्थव्यस्था में सुधार हुयी। 

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