1 .पाकिस्तान।
आंतकियों को संपौलों की तरह पाल—पोसकर बड़ा करने वाला पाकिस्तान भारत से ही निकल कर भारत को ही आंखे दिखाते है. 93 मुम्बई बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम, लश्करे तैयबा, जैश मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को अपने देश में शरण देने वाला पाकिस्तान अपने आपको पाक साफ कहता है. हमारे कश्मीर को सदैव अपना कहना वाला पाक आए दिन सीमा पर फायरिंग जैसी नापाक करतूतों को अंजाम देता है और संयुक्त राष्ट्र के सामने गुहार लगाता है कि वह निर्दोष है, ये सब भारत की ओर से पहल का नतीजा है, जबकि सच वह भी जानता है और संयुक्त राष्ट्र भी.
2 . तर्की।
तुर्की के रिश्ते शुरू से ही भारत के लिए तीखे रहे हैं. वह हर मौकों पर केवल भारत का विरोध करता ही दिखा. फिर चाहे वह 1971 की पाकिस्तान – भारत की लड़ाई हो या फिर एनएसजी मामला हो. उसने हमेशा पाकिस्तान का सर्मथन किया, जबकि पाकिस्तान कई मौकों पर गलत भी रहा।
3 .चीन।
भारत की लाख कोशिशों के बावजूद भी उसे एनएसजी की सदस्यता नहीं मिली, जिसके लिए वह कई वर्षों से प्रयासरत था. इसका सीधे तौर पर चीन ने विरोध किया, जो भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने की बात करता है. भारत में चीन की कंपनियों धड़ल्ले से व्यापार कर रही है, जिनके भारत में करोड़ों उपभोक्ता हैं, इसके बावजूद उसने अन्य देशों के साथ मिलकर भारत को एनएसजी की सदस्यता न देने को कहा उसका कहना था कि भारत ने परमाणु अप्रसार पर संधि पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसलिए इसे इसका सदस्य नहीं बनाया जा सकता है.
0 comments:
Post a Comment