बड़ी खबर: शाहीन बाग से नहीं हटे लोग तो दर्ज होगा केस, होगी दो साल की सजा

न्यूज डेस्क: नागरिकता कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में धरना प्रदर्शन जारी हैं। इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली सरकार भी अब सख्त होती दिखाई दे रही हैं। आपको बता दें की कोरोना वायरस के कारण दिल्ली सरकार ने शादियों के अलावा 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटाने वाले सभी तरह के आयोजनों व धरना-प्रदर्शनों पर 31 मार्च तक पाबंदी लगा दी है। इस बीच जिम, नाइट क्लब, थिएटर, स्पा सेंटर, साप्ताहिक बाजार भी बंद रहेंगे। इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। इसमें अधिकतम दो साल तक की कैद व जुर्माना हो सकते हैं। नया आदेश सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर भी लागू होगा।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसका फैसला लिया गया। इसमें संबंधित विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक समेत सभी तरह के कार्यक्रमों और धरना-प्रदर्शन में 50 से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हो पाएंगे। अगर कोई इसका उलंघन करता हैं तो ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई की जा सकती हैं। 
सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन को खत्म कराने से जुड़े एक सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 50 से ज्यादा लोगों को जुटाने वाले सभी प्रदर्शनों पर पाबंदी है। कोई इसको नहीं मानता तो संबंधित इलाके का जिला मजिस्ट्रेट दिल्ली पुलिस की मदद से महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।

क्या हैं महामारी रोग अधिनियम। 
दिल्ली सरकार के आदेश को मानने से इनकार करने पर महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा। कार्रवाई आईपीसी की धारा 188, 269 व 270 के तहत होगी। इसमें एक महीने से दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।

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