हेल्थ डेस्क: मेडिकल साइंस की बात करें तो शुक्राणु पुरुषों में एक प्रजनन कोशिका होती है। जिसे एक व्यक्ति की उत्तेजना के समय वीर्य संबंधी तरल या वीर्य के साथ निष्कासित किया जाता है। मनुष्यों में शुक्राणु बच्चे के लिंग को निर्धारित करता है। इसके द्वारा ही इंसान अपने जनरेशन को बढ़ा पाता हैं। पुरुषों के शरीर में इसका निर्माण जितना ज्यादा होता हैं ये पुरुषों के लिए उतना ही लाभकारी माना जाता हैं।
शुक्राणु कैसे बनते है :
मेडिकल साइंस के एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों में शुक्राणु का उत्पादन वृषण (testis) में होता है। जबकि महिला के अंडाशय में ओसाइट्स (oocytes) या अंडाणु कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं। जिसमे अंडे का निर्माण होता हैं। जब एक अंडाणु और शुक्राणु एक दूसरे से मिलते हैं तो वे एक जायगोट (zygote) बनाते हैं, जो एक embryo में विकसित होता है और बाद में भ्रूण (fetus) के रूप में विकसित हो जाता है। इससे महिलाओं के गर्भ में भूर्ण का विकास होने लगता हैं और महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं।
आपको बता दें की पुरुषों की शुक्राणु कोशिका नई जीव (भ्रूण) के लिंग को निर्धारित करती है। इसका मतलब है कि शुक्राणु या तो Y गुणसूत्र या X गुणसूत्र ले सकता है। जबकि अंडाणु कोशिकाओं में हमेशा X गुणसूत्र होता है। इसलिए लड़का या लड़की का होना पूरी तरह पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
पुरुषों के लिंग के नीचे की तरफ एक अंडकोश की थैली होती है। अंडकोश पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणुओं का उत्पादन करते हैं। स्खलन होने पर शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग से मुक्त किया जाता है। यौन संबंध के दौरान, लिंग गर्भाशय में शुक्राणुओं को छोड़ देता हैं। जो नए जीव का निर्माण करता हैं।
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