न्यूज डेस्क: साइंस और टेक्नोलॉजी की इस युग में बेरोजगारी लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में वर्ल्ड इंप्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक: ट्रेंड्स 2020' जारी किया है। इसमें जो बातें बताई गयी वो ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के तमाम बड़े देशों के लिए एक चिंता का विषय हैं।
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक बेरोजगारी 2020 में करीब 2.5 मिलियन बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में लगभग 188 मिलियन लोग बेरोजगार हैं। इसकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में लगभग आधा अरब लोगों के पास अपेक्षित वैतनिक काम नहीं हैं, अर्थात उन्हें पर्याप्त रूप से वैतनिक काम नहीं मिल पा रहे हैं। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है, उस अनुपात में बाजार में नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं। जो पूरी दुनिया के लिए एक खतरा हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में शिक्षित युवओं में बेरोजगारी की दर उच्च्तम स्तर पर है. वहीं, 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी की दर 37 प्रतिशत है। इस दुनिया में विकसित देश धीमी वृद्धि का सामना कर रहे हैं। परिणामतः बढ़ती श्रम शक्ति को उपयोग में लाने हेतु पर्याप्त मात्रा में नई नौकरियाँ सृजित नहीं हो पा रही हैं।
आज के समय में करीब 165 मिलियन लोगों के पास पर्याप्त आय वाला रोज़गार नहीं है। इस प्रकार विश्व में करीब 470 मिलियन लोग रोज़गार की समस्या से परेशान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती बेरोजगारी और असमानता के जारी रहने के साथ सही काम की कमी के कारण लोगों को अपने काम के माध्यम से बेहतर जीवन जीना और भी मुश्किल हो गया है।
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