पढ़िए, देश के 5 बड़े दंगों की कहानी, कांप जाएगा रूह

न्यूज डेस्क: आजाद भारत में कई तरह के दंगे हुए जो देश के माथे पर लगा एक धब्बा हैं। इस दंगे को जानकर किसी भी इंसान का रूह काँप जाएगा। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे देश के कुछ ऐसे बड़े दंगों की कहानी के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
1 -1984 सिख दंगा
आजादी के बाद देश में हुए बड़े दंगों में एक दंगा 1984 का सिख दंगा है। यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में लोग सिखों के खिलाफ भड़क गए। बड़ा दंगा दिल्ली में हुआ जिसमें सिखों का कत्लेआम हुआ। ऐसा माना जाता है कि इन दंगों में पांच हजार लोगों की मौत हो गई थी। अकेले दिल्ली में करीब दो हजार से ज्यादा लोग मारे गये थे। 

2-भागलपुर दंगा 1989
भागलपुर दंगा 1947 के बाद, भारतीय इतिहास के सबसे क्रूर दंगों में से एक था। यह दंगा अक्टूबर 1989 को भागलपुर में हुआ था। इसमें मुख्य रूप से हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे। इसके कारण करीब 1000 से ज़्यादा निर्दोषों को अपनी जानें गंवानी पड़ी। 

3- मुंबई दंगा (1992)
इस दंगे की मुख्य वजह बाबरी मस्जिद का विध्वंस था। श्रीकृष्ण कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर,1992 और जनवरी, 1993 के दो महीनों के दौरान हुए हुए दंगों में 900 लोग मारे गए थे। इनमें 575 मुस्लिम, 275 हिंदू , 45 अज्ञात और पांच अन्य थे। सुधाकर नाइक की कांग्रेस की सरकार इन दंगों पर काबू पाने में पूरी तरह से असमर्थ साबित हुई और आखिरकार सेना को बुलाना पड़ा था। 

4 . गुजरात दंगा-2002
गुजरात के गोधरा में हुए दंगे देश के इतिहास में हुए सबसे विभित्स दंगों में एक था।  गोधरा कांड 2002 में हुआ था।  इस शहर का नाम सहसा तब सामने आया जब वहां 27 फ़रवरी 2002 को रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में भीड़ द्वारा आग लगाए जाने के बाद 59 कारसेवकों की मौत हो गई। इसके परिणामस्वरूप पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे होना शुरू हो गए.

5 .मुज़फ़्फ़रनगर 2013.
मुज़फ़्फ़रनगर जिले के कवाल गांव में जाट-मुस्लिम हिंसा के साथ ये दंगा शुरू हुआ था, जिससे वहां 62 लोगों की जान गई थी। बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए। 

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