जानिए अजीत डोभाल से जुड़े ये 5 रोचक तथ्य, हो जाएंगे हैरान

न्यूज डेस्क: अजीत डोभाल भारत के शीर्ष जासूस और शीर्ष रणनीतिकार तथा वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। उनकी दिमाग और सोच का दुनिया कायल हैं।  इस शख्स ने पर्दे के पीछे रहकर न केवल सर्जिकल ऑपरेशन की पटकथा लिखी बल्कि इसका संचालन कर इसे कामयाब भी बनाया और राजनीतिक या कूटनीतिक स्तर, दोनों मोर्चों पर इन्होने सफलता पायी। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने में भी इनकी सबसे बड़ी भूमिका रही। आज जानने की कोशिश करेंगे अजीत डोभाल से जुड़े कुछ 5 रोचक तथ्य के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
अजीत डोभाल से जुड़े ये 5 रोचक तथ्य। 
1 .आपको बता दें की 1968 में डोभाल को एक आईपीएस अधिकारी के रूप में केरल कैडर में शामिल किया गया था। अनुकरणीय सेवा रिकॉर्ड के फलस्वरूप अजीत डोभाल को उनके सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। इस सम्मान को हासिल करने के लिए 17 साल की सर्विस जरूरी होती है, लेकिन डोभाल की बेहतरीन सेवा के कारण उन्हें अपनी सर्विस के 6 साल के दौरान ही यह सम्मान प्रदान किया गया।

2 .1986 में पूर्वोत्तर भारत, खासकर मिजोरम अलगाववादी विद्रोह की समस्या से पीड़ित था। मिजो नेशनल फ्रंट ने भारत के खिलाफ विरोधी अभियान छेड़ दिया था। इस दौरान अजित डोभाल संगठन ने इस फ्रंट में सेंधमारी की और भारतीय हितों के लिए लालडेंगा शीर्ष 7 कमांडरों को भारत के पक्ष में कर लिया। इससे उन्होंने अलगाववादी एमएनएफ आंदोलन की कमर तोड़ दी। 

3 .1988 के दौरान जब पंजाब में खालिस्तान आंदोलन अपने चरम पर था तो सरकार ने डोभाल को एक बार फिर से एक गुप्त एजेंट के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने स्वयं को एक रिक्शा चालक के रूप में रखा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट के रूप में खालिस्तानी आतंकवादियों से संपर्क किया।डोभाल द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी की मदद से 300 एनएसजी कमांडो और 700 बीएसएफ के जवानों ने सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्वर्ण मंदिर पर धावा बोल कर कब्जा कर लिया।   

4 .1988 में अजीत डोभाल को भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों में से एक कीर्ति चक्र से नवाजा गया। आपको बता दें की यह पुरस्कार केवल सैन्य सम्मान के रूप में दिया जाता था, लेकिन डोभाल ने अपने जुनून और देश सेवा की प्रतिबद्धता से इसे बदल दिया। अजीत डोभाल ऐसे पहले पुलिस अधिकारी बनें जिन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया था। 

5 .अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में एक गुप्त एजेंट के रूप में कार्य किया हैं। वह  पाकिस्तान में 7 साल तक अंडरकवर एजेंट रहें । इस दौरान वो कई उच्च जोखिम वाले ऑपरेशन में शामिल रहें और इस माध्यम से वो भारत सरकार के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी एकत्र करते थे। 

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