भारत में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी की सजा, जानें क्या है जुर्म

न्यूज डेस्क: आजादी के बाद भारत में गलत कार्यों के लिए बहुत से पुरुष लोगों को फांसी की सजा हुयी हैं। लेकिन सभी तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गयी हैं। आजाद भारत में पहली बार एक महिला को फांसी की सजा सुनाई जाएगी, महिला को उसके जिस अपराधिक कृत्य के लिए सजा सुनाई गई है 
आपको बता दें की निचली अदालत से फांसी की सजा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी शबनम सलीम की सजा को बरकरार रखा । राष्ट्रपति द्वारा भी दया याचिका ठुकराई जा चुकी है । जिसके बाद ये तय हैं की पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा हो सकती हैं। 

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ने दोनों दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यदि फांसी मिली तो शबनम आजाद भारत की फांसी पाने वाली पहली महिला होगी । 

क्या है जुर्म। 
शबनम को एक सलीम नाम के लड़के से प्रेम सम्बन्ध थे जब शबनम को लगा कि घर वालों के मानने के कोई चांस नहीं हैं और परिवार इस रिश्ते में उसकी राह का रोड़ा है तो उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिल कर पूरे परिवार की हत्या का प्लान बनाया। और प्लानिंग बना कर पूरे परिवार का कत्ल कर दिया शबनम ने इसके लिए उसने परिवार के खाने में कुछ मिला दिया और जब परिवार रात को बेहोशी की नींद में था तब 7 लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर कत्ल कर दिया ।

मरने वालों में शबनम के मां-बाप, शबनम के दो भाई, शबनम की एक भाभी, शबनम की एक मौसी की बेटी, शबनम का एक भतीजा था। 

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