न्यूज डेस्क: देश में भारी विरोध के बाबजूद भारत सरकार ने CAA को लेकर अधिसूचना जारी कर दिया गया हैं। अब ये कानून देश भारत में लागू हो चूका हैं। आपको बता दें की केंद्र सरकार ने 10 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन एक्ट के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस कानून के अनुसार, भारत में 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके आये हिंदू, जैन, पारसी, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता हासिल कर सकेंगे।
जानें CAA के मुख्य बिंदु।
1 .नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अनुसार, इन छह अल्पसंख्यक समुदायों के शरणार्थियों को भारत में पांच साल तक रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। आपको बता दें की पहले यह सीमा 11 वर्ष थी।
2 .नये अधिनियम के अनुसार, ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानूनी प्रवासियों में भी नहीं गिना जायेगा।
3 .यह कानून असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं।
4 .इसके अतिरिक्त यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा प्रबंधन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (ILP) के क्षेत्रों में भी लागू नहीं होगा।
5 .ILP अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है।
6 .केंद्र सरकार ने इस कानून को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की धारा 1 की उपधारा (2) के तहत 10 जनवरी, 2020 से लागू करने का फैसला किया था।
7 .नया नागरिकता अधिनियम 11 दिसंबर, 2019 को संसद से पारित किया गया था।
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