न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में भारत पूरी दुनिया में अपनी एक नयी पहचान बना रहा हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति रंग ला रही हैं। आपको बता दें की संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की सुरक्षा परिषद में दुनिया के 5 कद्दावर देश अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम को जगह मिली. इन सभी देशों को वीटो पॉवर प्राप्त हैं।
भारत लंबे समय से इस एलीट क्लब में शामिल होने की जद्दोजहद कर रहा है. तकनीकी रूप से उसकी दावेदारी बनती भी है। लेकिन अब तक भारत के किसी प्रधानमंत्री ने भारत को वीटो पावर नहीं दिला पाया। लेकिन पीएम मोदी के बढ़ते कद ने दुनिया में एक मुहीम छेड़ दी हैं की भारत को वीटो पॉवर मिलनी चाहिए। आज के समय में चीन को छोड़ दिया जाय तो अमेरिका, रूस, फ़्रांस और यूनाइटेड किंगडम भारत को वीटो पावर देने के पछ में हैं।
आपको बता दें की आजादी के बाद पहली बार भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य 1950-51 में बना. सुरक्षा परिषद में पी-5 के अलावा 10 अस्थायी सदस्य हैं और सदस्य देश दो वर्षों के लिए इनका चुनाव करते हैं. आजादी के तीन साल बाद ही अस्थायी सदस्य बना भारत अबतक 7 बार सुरक्षा परिषद में शामिल हो चुका है (1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12). भारत हमेशा से संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का स्थायी सदस्य बनने की कोशिश करता रहा हैं। लेकिन उसे कभी भी सफलता नहीं मिली हैं।
आज भारत की विदेश निति पीएम मोदी के नेतृत्व में सबसे मजबूत मानी जारी हैं। बहुत से जानकर बताते हैं की पीएम मोदी भारत को वीटो पावर दिला सकते हैं। क्यों की आज के समय में पूरी दुनिया मोदी को सुनना पसंद करती हैं और भारत के विदेश नीति का लोहा मानती हैं।
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