न्यूज डेस्क: बिहार चुनाव में पार्टियों के घोषणा पत्र पर शिक्षक मतदाताओं की नजर सबसे ज्यादा टिकी हुई हैं। खबर के मुताबिक बिहार के नियोजित शिक्षक इस बात का इंतजार कर रहे हैं की कोई ना कोई पार्टी तो अपने घोषणा पत्र में सामान वेतन की बात करेगा।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में समान वेतन को लेकर स्कूल शिक्षकों का संघर्ष समाप्त हुआ है। बिहार में नौकरी करने वाले ये शिक्षक काफी लंबे समय से समान वेतन की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक उनसे इसमें सफलता प्राप्त नहीं हुई हैं।
आपको बता दें की कुछ दिन पहले नीतीश सरकार ने उनके लिए सेवा शर्त लागू की है और समान वेतन की जगह वेतनवृद्धि की घोषणा हुई है। इस बार भी शिक्षक मतदाताओं की नजर इस बात पर टिकी हुई हैं की राजनितिक पार्टियां उनके लिए सामान वेतन की घोषणा कर सकती हैं।
वहीं कॉलेज के नए प्रोफेसरों में पुरानी पेंशन नीति नहीं लागू होने से उदासी है। विश्वविद्यालयों में दो दशक से क्लर्क-प्यून बहाल नहीं हुए हैं। इन मांगों को लेकर प्रत्याशियों के दावे-प्रतिदावे भी चल रहे हैं। इस बार देखना दिलचस्प होगा की कौन सी राजनितिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में इन्हे जगह देती हैं।
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